बुधवार, 11 अक्टूबर 2023

घाटे बहुत हैं चाहतों के रोज़गार में


                       हीरालाल यादव "हीरा"
पड़ता नहीं हूँ सोच के ये बात प्यार में I
घाटे बहुत हैं चाहतों के रोज़गार में   ।।
 
हाथों में ईश के है ज़माने की बागडोर  I
कुछ भी नहीं है आदमी के इख़्तियार में ।।
 
है देश का भविष्य इसी पर टिका हुआ  
मत बेचिएगा वोट को सौ या हज़ार में   ।।
 
आएँगे जाने ज़िन्दगी में कब वो अच्छे दिन 
पलकें बिछाए जिनके खड़े इंतज़ार में  ।।
 
तुम और कुछ बढ़ा के बिगाड़ोगे क्या मेरा    
यूँ भी खड़े हैं दर्द हज़ारों क़तार में          ।।
 
चर्चे तेरी जफ़ाओं के सुनकर भी ज़िन्दगी   
हर्गिज़ कमी न आई मेरे ऐतबार में         ।।
 
*हीरा* दबा-दबा के ये रखते हो किसलिए  
दिल का गुबार बहने दो अश्क़ों की धार में ।।
 

सच झूठ अपना जानता है ख़ुद ही आदमी छोड़ी है उसने अपनी शराफ़त कहाँ कहाँ

 

            हीरालाल यादव  ” हीरा”

चाहत कहाँ कहाँ है अदावत कहाँ कहाँ
मैं जानता हूँ मुझको है राहत कहाँ कहाँ

करनी है किसकी ज़ीस्त में कीमत कहाँ कहाँ
पहचान किसकी कब है ज़रूरत कहाँ कहाँ

कुछ अपने दम भी मुश्किलों का हल निकालिए
माँगेंगे रब से आप मुरव्वत कहाँ कहाँ

सच झूठ अपना जानता है ख़ुद ही आदमी
छोड़ी है उसने अपनी शराफ़त कहाँ कहाँ

देखा जो तूने प्यार की नज़रो़ से ऐ सनम
मत पूछ हुई ज़िस्म में हरकत कहाँ कहाँ

दुनिया भरी हुई है हसीनों से दोस्तो
दिल की करेंगे आप हिफाज़त कहाँ कहाँ

कर लीजिए कुबूल वफ़ायें मेरी सनम
ढूँढेंगे और जग में मुहब्बत कहाँ कहाँ

मनमानियों की ठान लें जो हुक्मरान तो
करते फिरेंगे लोग बगावत कहाँ कहाँ

हर वक़्त आँखें मूँद के चलता है जो बशर
हीरा करोगे उसको नसीहत कहाँ कहाँ



शुक्रवार, 4 अगस्त 2023

युवती को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के दो आरोपी गिरफ्तार

युवती को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के दो आरोपी गिरफ्तार

अपहृत युवती सकुशल बरामद 

 दिनांक 28.07.2023 को थाना ऊंज क्षेत्र अंतर्गत आरोपियों द्वारा युवती को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने की घटना के सम्बन्ध में प्राप्त तहरीर के आधार पर तत्समय ही मु0अ0सं0-77/2023 धारा-366,504,506,328,342 भा0द0वि0 का अभियोग पंजीकृत कर विधिक कार्रवाई प्रचलित की गई।

  पुलिस अधीक्षक, भदोही द्वारा वांछित अभियुक्तों की गिरफ्तारी व महिला सम्बंधित अपराध में त्वरित कार्यवाही के निर्देश के क्रम में स्थानीय पुलिस द्वारा अपहृत युवती को सकुशल बरामद करते हुए उक्त अभियोग से सम्बन्धित दो नामजद अभियुक्तों विशाल तिवारी पुत्र विनोद तिवारी उम्र करीब 18 वर्ष व विकास तिवारी पुत्र स्व0 रामसजीवन तिवारी उम्र करीब 34 वर्ष समस्त निवासीगण हरिहरपुर सानी थाना ऊंज जनपद भदोही को वहीदा मोड़ के पास से गिरफ्तार कर विधिक कार्यवाही करते हुए चालान मा0 न्यायालय किया गया।

शनिवार, 6 अगस्त 2022

जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे उच्च अधिकारियो की धौस से आउट सोर्सिंग चौकीदार विजय प्रताप बना कार्यालय का बाबू

 जौनपुर उ.प्र मे राम राज्य की कल्पना मे सरकार नित नये कानून बना रही है और उसको लागू करके प्रदेश की जनता के जीवन मे खुशहाली लाने की कोशिश कर रही है ऐसे मे हमारे माननीय मुख्य मंत्री महोदय जी यह भूल जाते है कि हम बाहरी चोरो से लड़ सकते है परंतु जो चोर हमारे घर के अंदर बैठकर अंदर ही अंदर हमको खोखला कर रहा है उसकी खबर हम कब लेगे। आपको बता दे कि पिछड़ी जातियो के विकास के लिए सरकार ने एक विभाग बनाया है जिसको पिछड़ वर्ग कल्याण विभाग के नाम से जाना जाता है अगर कहा जाये तो यह विभाग पिछड़ी जातियो के लिए डूबते को तिनके का सहारा साबित होता है। जौनपुर जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे आउटसोर्सिंग के जरिये चौकीदार के पद पर कार्यरत कर्मचारी बिजय प्रताप सिर्फ नाम का चौकीदार है , विजय प्रताप पिछले कई वर्षो से उपरोक्त विभाग मे चौकीदार का काम करने हेतु रखा गया है परंतु अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल करके तथा जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी श्री सुरेश कुमार मौर्या कि आपसी मिली भगत से दलाली का खुलेआम खेल खेला जा रहा है जिसमे विभाग मे बड़े बाबू के नाम से प्रचलित दलाल अनिल कुमार है जिस पर विजय प्रताप एवं सुरेश कुमार की रहमत की छाया है। विजय प्रताप के पुस्तैनी गाव मे जाकर पूछताछ करने पर पता चला है कि  आज से विगत कुछ वर्षो पहले विजय प्रताप के घर की हालत ऐसी थी जिसकी आर्थिक स्थिति का बयांन नही किया जा सकता ऐसे मे जब पुस्तैनी समय से ही खराब हालत अचानक जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे चौकीदारी करते ही सारा माहोल बदल गया।  कार्य करने के दौरान ही विजय प्रताप ने जमीन खरीदा तथा आलीशान मकान बनवाने के साथ साथ एक नई बोलेरो गाड़ी खरीदा है जिसका नम्बर यू.पी.62बी.क्यू. 5714 है , बड़े ही मजे की बात यह है कि जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे ठेके पर आउटसोर्सिंग के जरिये चौकीदारी का काम करने वाला एक चौकीदार अपनी बोलेरो गाड़ी मे उ0प्र0 सरकार का स्टिकर लगाकर खुलेआम नियम कानून की धज्जिया उड़ा रहा है प्रशासन उसका कुछ नही कर रहा है आाखिर क्यो  आउट सोर्सिंग की पगार देखा जाये तो यह स्पष्ट है कि वह 5000 के किराये के कमरे मे नही रह सकता जो बहुत ही अहम सवाल प्रशासन के सामनें मौजूद है कि क्या विजय प्रताप के कममरे का भाड़ा जिला पिछड़ावर्ग कल्याण अधिकारी देते है।  जग जाहिर है कि चौकीदार का काम शाम को चालू होता है और कार्यालय कर्मचारी का काम प्रातः से आरम्भ होता है यह सब जानने के बाद भी विभाग के अधिकारी सुरेश मौर्या एक चौकीदार को कार्यालय सहायक की कुर्सी पर ससम्मान बैठाते आ रहे है, किसी भी व्यक्ति की योग्यता किसी के आगे रोड़ा नही बनती और ऐसा करने मे कोई आपत्ति भी नही है आपत्ति है तो एक ठेके पर रखे गये चैकीदार को कार्यालय सहायक बनाकर कार्यालय को दलाली का अड्डा बनाने के लिए अनिल कुमार नामका एक पेशेवर दलाल को लगा दिया गया है जबकि सुरेश मौर्या का लिखित कथन है कि वे अनिल को नही जानते परंतु ऐसे दर्जनो प्रमाण है जिसमे तमाम  ऐसे भुक्तभोगी लोग है जो यही जानते है कि कि अनील पिछड़ वर्ग कल्याण विभाग मे एक बाबू है इतना ही नही अनिल ही वह व्यक्ति है जो हमारे सुरेश मौर्या जी को अक्सर छोड़ने जाता है अब सोचना यह है कि जिस अनिल को सुरेश मौर्या जानते ही नही वह उनको दो पहिया वाहन पर बैठाकर घुमाएगा कैसे? इसका जबाब तो सुरेश मौर्या जी को देना ही होगा चाहे प्रशासनिक स्तर पर दे अथवा माननीय न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर । सरकार की मंशा के अनुरूप संचालित योजनाओ की खुलेआम धज्जिया उड़ाई जा रही है और सुरेश मौर्या सिर्फ यह कह कर पल्ला झाड़ रहे है कि वे अनील नाम के किसी व्यक्ति को नही जानते क्योकि इस नाम का कोई भी उनके विभाग मे कार्यरत नही है। अनील कुमार सिर्फ पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे ही अपनी दलाली की पैठ नही बनाया है बल्की जिला उद्योग विभाग जौनपुर के उपायुक्त से साठ गाठ करके ऐसी दलाली करता है कि जाच उपरांत विभाग को दातो तले अंगुली दबाना पड़ेगा । अनिल के इस पूरे कार्यशैली के मार्ग दर्शक चौकीदार विजय प्रताप है इतना ही नही इन भ्रष्ट कमिने किस्म के कर्मचारियो द्वारा किस तरह सरकार को चूना लगाकर आम जनता के लाभ की आड़ मे अपनी जेबे भरने का कार्य किया जा रहा है यह जाच का विषय तथा एक संज्ञेय अपराध है जिसकी जाच होनी चाहिए ।



 

बुधवार, 18 नवंबर 2020

PMO अनूठा, मामले को अनिश्चित काल तक लंबित नहीं रखा जा सकता": सुप्रीम कोर्ट ने PM मोदी के वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा जिसमें 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव को चुनौती दी गई है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि देश के सबसे महत्वपूर्ण कार्यालय, यानी पीएमओ और इससे संबंधित मुद्दे को अनिश्चित काल तक लंबित नहीं रखा जा सकता है। ऐसा तब हुआ जब याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान कई बार स्थगन और पासओवर की मांग की।सीजेआई एस ए बोबडे ने कहा, "हम पहले ही इसे कई बार स्थगित कर चुके हैं। यह एक महत्वपूर्ण मामला है, जो प्रधानमंत्री के अनूठे कार्यालय के इर्द-गिर्द घूमता है। हम इसे अनिश्चित काल तक लंबित नहीं रख सकते।" अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल, पूर्व बीएसएफ जवान के नामांकन को गलत तरीके से खारिज कर दिया गया था और उन्हें नोटिस जारी होने के बाद पर्याप्त समय नहीं दिया गया था। इस बिंदु पर, सीजेआई बोबडे ने उनसे पूछा कि उक्त विवाद याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में कहां उठाया था।वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे पीएम मोदी के लिए उपस्थित हुए और उन्होंने अदालत को बताया कि विवाद को उच्च न्यायालय के समक्ष नहीं उठाया गया था और न ही अब इसे उठाया गया है। गौरतलब है कि 6 दिसंबर 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से लोकसभा चुनाव जीतने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। पीएम मोदी के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका बीएसएफ से बर्खास्त जवान तथा समाजवादी पार्टी के घोषित प्रत्याशी तेज बहादुर यादव ने दायर की थी। नामांकन से पहले तेज बहादुर यादव का पर्चा खारिज हो गया था।


हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने 58 पृष्ठ के अपने फैसले में कहा था कि याचिकाकर्ता को इस चुनाव को चुनौती देने का अधिकार नहीं है क्योंकि वह न तो वाराणसी का मतदाता है और न लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी रहा है। इसलिए उसे पीड़ित पक्ष नहीं कहा जा सकता। तेजबहादुर को 24 घंटे में आपत्ति दाखिल करने का अधिकार था किंतु याचिका में यह आधार लिया गया है कि उसे आपत्ति करने का 24 घंटे का समय नहीं दिया गया। दरअसल, वाराणसी सीट से नामांकन दाखिल करने वाले बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव ने पीएम मोदी के निर्वाचन को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल की थी। याचिका में तेज बहादुर ने पीएम मोदी का चुनाव रद्द करने की मांग की थी। तेज बहादुर को समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था। तेज बहादुर ने चुनाव अधिकारी पर आरोप लगाया था कि पीएम मोदी के दबाव में गलत तरीके से चुनाव अधिकारी ने उसका नामांकन रद्द किया था, जबकि गलत तथ्य देने व सही तथ्य छिपाने के आधार पर नामांकन निरस्त किया गया था। याचिका पर 23 अक्तूबर को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। पीएम मोदी की ओर से ये दलील दी गई थी कि वह वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के वोटर नहीं हैं। साथ ही नामांकन खारिज होने के बाद वह वाराणसी सीट से प्रत्याशी भी नहीं थे। लिहाजा निर्वाचन को वही व्यक्ति चुनौती दे सकता है जो कि वाराणसी लोकसभा क्षेत्र का मतदाता या प्रत्याशी रहा हो। चुनाव याचिका में तेज बहादुर यादव का आरोप था कि उनका नामांकन सेना से बर्खास्त होने के चलते रद्द किया गया है, जबकि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अगर किसी सरकारी कर्मचारी को उसके पद से बर्खास्त किया जाता है तो वह पांच साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकता, जब तक कि चुनाव आयोग उस व्यक्ति को इस बात का सर्टिफिकेट न जारी करे कि देशद्रोह और भ्रष्टाचार के आरोप में उसे बर्खास्त नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी में तर्क दिया गया है कि उच्च न्यायालय जिला चुनाव अधिकारी द्वारा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 और 33 (3) के तहत प्रावधानों के दुरुपयोग की सराहना करने में विफल रहा है। अधिवक्ता प्रदीप कुमार द्वारा दायर की गई ट और अधिवक्ता संजीव मल्होत्रा ​​द्वारा दायर याचिका में आगे कहा गया है कि मामले की योग्यता को ध्यान में रखने में नाकाम रहने पर उच्च न्यायालय द्वारा एक गंभीर त्रुटि की गई है और इस तरह, सिविल प्रक्रिया संहिता के VII नियम 11 के आदेश के "महज तकनीकी आधार" पर याचिका को खारिज करने को गलत ठहराया। पूर्व बीएसएफ जवान ने वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से अपने नामांकन को अस्वीकार करने के रिटर्निंग ऑफिसर के फैसले को चुनौती देते हुए पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वालीपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया था



मनरेगा पार्क वाले गांवों को बनाया जायेगा आदर्श गांव

  जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने समस्त उप जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे अपने खंड विकास अधिकारियों से उन गांवों की सूची प्राप्त करे जहां पर मनरेगा पार्क विकसित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जनपद में ऐसे 45 गांव में पार्कों को विकसित किया गया है। इन सभी गांव को आदर्श गांव बनाना है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह तक इन गांवों में स्वयं जाकर के पब्लिक मीटिंग करें और इस मीटिंग में शिक्षा विभाग के एबीएसए और गांव के विद्यालय के सभी अध्यापकगण, बाल विकास की सुपरवाइजर और आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य विभाग की एएनएम और आशा,  पंचायत सचिव रोजगार सेवक किसान सहायक, प्रधान ग्राम एवं अन्य पुरुष और महिलाएं उपस्थित रहे। गांव को आदर्श शिक्षित गांव बनाना, गांव में सभी पात्र विधवा, विकलांग, वृद्धावस्था, किसान सम्मान निधि, सुमंगला योजना आदि के सभी पात्र लोगों का ऑनलाइन आवेदन करा कर उसकी स्वीकृति कराना, कोई पात्र वंचित न रहने पाए। स्कूल की दीवारों का पुरातन छात्र जो किसी न किसी अच्छी पद पर हो उनका नाम, मोबाइल नंबर के साथ लिखवाना और प्रत्येक माह की 01 तारीख को उन्हें बुलाकर सम्मान करना। सभी पात्रों को गांव के 04 महिलाओं के कर कमलों से पोषाहार का वितरण कराना। सभी वंचित और पात्रों का नाम पर राशन कार्ड बनाना, राशन वितरण के लिए चार लोगों की कमेटी बनाना जो अपनी उपस्थिति में सभी को निर्धारित मात्रा में निर्धारित मूल्य पर राशन वितरण कोटेदार से कराएं। भूमि विवादों को चिन्हित कर उन सभी विवादों को पुलिस और राजस्व निरीक्षक की संयुक्त टीम द्वारा निस्तारित कराना। सभी मृतक काश्तकारों के वारिसों का नाम अविवादित मामलों में खतौनी में दर्ज कराकर उन्हें खतौनी उपलब्ध कराना। गरीब वंचित पात्र लोगों को आवासीय पट्टे की भूमि उपलब्ध करना। गांव में कूड़ा प्रबंधन की समुचित व्यवस्था करना। गांव में प्रतिदिन समुचित सफाई के साथ प्रति सप्ताह एक बार सभी नालियों में एंटी लार्वा का छिड़काव और पूरे गांव में और सबके घरों में फागिंग कराना। गर्भवती महिलाओं की काउंसलिंग के लिए डॉक्टर और एएनएम और काउंसलर के माध्यम से उनकी काउंसलिंग कराना। परिवार रजिस्टर में सभी के नाम चढ़ाना। सभी परिवारों को परिवार रजिस्टर की नकल बनाकर उपलब्ध कराना। पात्र लोगों के मनरेगा जॉब कार्ड बनवाना। पैमाइश व बंटवारे व नामांतरण के वाद किसी भी न्यायालय में लंबित हो उनको ससमय निस्तारित कराना। पंचायत भवन को सुव्यवस्थित कर संचालित कराना। सामुदायिक शौचालय को शासनादेश अनुसार उच्च कोटि का संचालन कराना। विकास कार्यों को और आए हुए धन का पूरा विवरण दीवार पर लिखवाना। ग्राम स्तरीय सभी अधिकारियों/कर्मचारियों का नाम, पद नाम, मोबाइल नंबर और गांव में आने का दिन को दीवाल पर लिखवाना। विद्यालय का सर्वांगीण कायाकल्प करना। विद्यालय में बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराना। प्रतिदिन आधा घंटा संस्कार की शिक्षा बच्चों को देना। गांव वासियों के विद्यालय में सहभागिता बढ़ाना। विद्यालय में 4 से 5 अभिभावकों को प्रतिदिन बुलाना। विद्यालय में दोपहर भोजन के समय बच्चों के साथ गांव के चार पांच लोगों को आमंत्रित कर सहभागिता करना, जिससे वह खाने की गुणवत्ता देख सकें। पंचायत भवन में ग्राम स्तरीय सभी अधिकारियों की नेम प्लेट लगाना और उनके बैठने की व्यवस्था करना। गांव के सभी हैंडपंप जो खराब हो उनको ठीक करा कर चालू करना। गांव के सभी घरों में 20 लीटर या उससे अधिक साइज के कूड़ा दानों की व्यवस्था करना। गांव में सार्वजनिक जमीन पर गांव के कूड़े को व्यवस्थित रूप से डालने और उसको खाद बनाने के लिए गड्ढों की व्यवस्था कराना। गांव की सभी श्रमिकों का श्रम विभाग में पंजीकरण कराना। युवक मंडल दल द्वारा खेलकूद की टीमें तैयार कर खेलकूद को प्रोत्साहन देना। धन की उपलब्धता के आधार पर पूरे गांव की सड़कों का सुदृढ़ीकरण। जल निकासी की व्यवस्था। गांव के शौचालय जो लोगों के बनाए गए हैं उनका सभी उपयोग करें यह सुनिश्चित करना। खुले में शौच से पूरी तरह से मुक्त करना। गाव में अगर कोई आवारा पशु हो तो उनको पकड़ कर गौशाला भेजना। गांव में कॉमन सर्विस सेंटर खुलवा कर उसको प्रभावी बनाना तथा निर्धारित दरों पर गांव वालों को सुविधाएं उपलब्ध कराना। उक्त सभी कार्य करके गांव को आदर्श बनाया जाने हेतु उप जिलाधिकारी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। पूरे जुनून और ताकत के साथ इन गांव को आदर्श बनाकर मॉडल बना दें जिससे अन्य गांव इंनसे प्रेरणा लेकर के अपने गांव में भी सुधार करें। किये गये कार्यो की सूचना प्रतिदिन मेरे व्हाट्सएप पर भी अवगत कराये। एक सप्ताह बाद इस कार्यो की मीटिंग कर कार्यों की समीक्षा गांववार की जाएगी।


गुरुवार, 22 अक्टूबर 2020

इल्लुमिनाटी के बैनर तले अपने काम को अंजाम दे रहा है -GCG गैंग और शाशा गुप्ता - जहीर अहमद ।

   जब आत्मसम्मान और स्वाभिमान नाम की चीज मर जाती है, तब पैदा होता है कोई शाशा गुप्ता ,हमारी तो समझ से परे है यह, एक आदमी पूरी दुनिया में घूम घूम कर केवल और केवल लोगों को लूट रहा है हिंदुस्तान का नाम ले जाकर दुबई में डुबो चुका ,जेल की हवा खा कर वापस लौटा और हमारी सरकार मूकदर्शक बनी हुई इंतजार कर रही है कि कोई एफ आई आर हो तो जेल भेजें अगर किसी के खिलाफ जांच होगी और जांच हुई और दोषी पाया गया, तो जेल हो जाएगी और यही तो हर अपराधी चाहता है,लूट लूट कर छिपाया, जेल गया ,जेल से जमानत लेकर शान से मुकदमा लड़े लेकिन इन सब से निवेशकों का क्या फायदा हुआ? क्या हम समझ लें कि हिंदुस्तान हमारा बेईमानों का देश है ,निवेशक किसी पर भरोसा ना करें, कोई भी वेबसाइट बना ले कोई भी लूटपाट करता रहे उसके खिलाफ अखबारों में छपता रहे, कोई फर्क नहीं पड़ता निवेश करना है तो अपनी जिम्मेदारी पर करो ,कोई खुलेआम अपने अकाउंट में लाखों रुपया ले रहा है, सपने दिखा दे, छोटी बड़ी पूंजी  के लोग सात हजार से सत्तर हजार,एक लाख,पांच लाख,पच्चीस लाख कुछ भी लगाएं और कोई बेईमानी करता रहे सरकार को कोई फर्क नही पड़ता,सरकारी टैक्स की वसूली के लिए जेल जाना पड़ सकता है सरकार का पैसा ना दो तो उसके लिए जेल जाना पड़ सकता है? या तो कमाओ नहीं और कमाने की कोशिश में डूब जाए तो सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं? सरकार का पैसा, पैसा है?हमारा पैसा कोयला है क्या? सरकार को अपनी नीति में बदलाव करने पड़ेंगे नहीं चलेगा ऐसा ,जिंदगी भर ऐसे ही पिछड़ा भारत बना रहेगा ।दुबई ,सिंगापुर, ओमान, में बेईमानी सोचना भी गुनाह है और हमारे यहां? लेकिन ऐसा होगा ,नहीं अब कुछ अलग होगा खासतौर से ऐसे शाशा गुप्ता के मामले में, पाई पाई का हिसाब होगा पहले थाने में पिटोगे या प्रवर्तन निदेशालय के सामने बकोगे ?यह तो वक्त बताएगा ,एक बार फिर साबित होगा कि कानून के हाथ लंबे हैं व्यापार के नाम पर ठगों का गिरोह सक्रियता के साथ लोगों को लूटता रहता है और संपत्ति अर्जित करता है और संपत्ति अर्जित कर  जब वह विदेश भाग जाता है तब खुलती है सरकार की आंख क्या हम आज और अभी भी उतना ही पिछड़े हैं जितना बीस वर्ष पहले थे, अगर नहीं तो फिर ऐसी कंपनियों पर लगाम लगनी चाहिए , माई गल्फ कॉइन, गल्फ क्वाइन गोल्ड,वेलकम टू हेल, हौली डे हर्ट्ज और अब इल्लुमिनाटी गोल्ड यह सब एकही दिमाक की उपज है,और खुद सेफ होकर बैठा है और उसका गैंग अपने काम को एकबार फिर इल्लुमिनाटी के बैनर तले अपने काम को अंजाम दे रहा है।सरकार को संज्ञान में लेते हुए कड़े कदम उठाने चाहिए और विशेष तौर से तब और जब रोज़ किसी एक ही कंपनी और एक ही व्यक्ति के खिलाफ बराबर आवाज़ उठती हो।आज GCG/इल्लु मिनाटी ज्वेल्स के साथ काम कर रहे साथियों कोई सपने मत देखिए ,पिछले कई वर्षो तक गल्फ कॉइन गोल्ड की सफलता की कहानी सुनाने वाले यह लोग झूठे और मक्कार हैं कुछ लोग तो जो जीसीजी में पैसा डूबे हैं वह अपना पैसा निकालने के लिए ही इसे कर रहे हैं मैं गवाह हूँ  मैं जहीर अहमद सबूत हूं मुझसे पूछ सकते हैं मेरे वाट्सएप्प (7408839386)पर जीसीजी के साथ हमारी तबाही की कहानी।


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घाटे बहुत हैं चाहतों के रोज़गार में

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