ईश्वर उनको और सम्पन्न बनाये जो ऐसी आपदा मे गरीबो की मदद कर रहे है
परंतु सोचे कि थोड़ी सी मदद पर ढेर सारी तस्वीरे खिचवाने वालो वाह वाही के भुक्खडो क्या यह उचित और अच्छा है कि एक ईमानदार गरीब परंतु स्वाभीमानी व्यक्ति को खाने के पैकट एवं थोड़े से राशन के बदले उनकी तस्वीरो को वायरल कर उनको उनकी ही नजरो से गिरा रहे हों क्या यह सही है?