मुंंबई. मुंबई के झुग्गी बस्ती वाले इलाके धारावी (Dharavi) में कोरोना संक्रमितों की संख्या 189 हो गई है. धारावी में 24 घंटे में 9 नए मामले सामने आए हैं. यहां अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि 20 लाख की घनी आवाधी वाले इस इलाके में अब कोरोना संक्रमण मामले की रोकथाम और संक्रमित मरीजों की जांच सरकार कैसे कराएगी. इस सवाल पर महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि धारावी के झुग्गियों में रहने वालों को अब कोरोना टेस्ट के लिए सरकार के पास खुद आना होगा.
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई स्थित एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी
घने इलाकों में कैसे होंगे टेस्ट
मतलब साफ है कि धारावी और दूसरे बड़े स्लमों में सरकार ज्यादा कुछ नहीं कर पा रही है.
धारावी के घने इलाके में करीब 20 लाख लोग रहते हैं. यहां टेस्ट के लिए डेढ़ सौ डॉक्टरों की टीम जांच कर रही है. टोपे ने कहा कि समिति के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अधिक बेड की व्यवस्था करने और पूरे मुंबई में जांच सुविधाएं बढ़ाने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो टेंट को खुले मैदान में भी लगाया जा सकता है. आईएमसीटी ने बुधवार को राज्य सरकार द्वारा किए गए उपायों का आकलन करने के लिए धारावी के आईसोलेशन केंद्रों और शिविरों का दौरा किया.
मुश्किल में लोग
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई स्थित एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी धारावी में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सन्नाटा पसरा है. यहां लगभग हर रोज नए मामले सामने आ रहे हैं. लॉकडाउन के चलते लोगों के पास रोजगार का कोई साधन नहीं है. यहां छोटे से इलाके में 10 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं. धारवी बेहद घना इलाका है. धारावी की झोपड़पट्टी 613 एकड़ क्षेत्र में फैली है. कई बार सैकड़ों लोग एक ही बाथरूम का इस्तेमाल करते हैं. कई लोगों को तो यहां पीने के लिए साफ पानी भी नहीं मिलता है. 25 मार्च से लॉकडाउन लागू होने के बाद से लोग एक वक्त के खाने के लिए भी दूसरों के मदद के भरोसे रहते हैं.