वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Pandemic Coronavirus) से संक्रमण के बचाव के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) है. बिना आवश्यकता लोगों के बाहर निकलने पर रोक है. लेकिन ऐसे में बीमार लोगों व गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) को भी कई बार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही वाकया उत्तर प्रदेश के फतेहपुर/बांदा जनपद के बॉर्डर पर हुआ. जहां प्रसव पीड़ा (labor pain) से ग्रस्त एक महिला को एंबुलेंस न मिलने के चलते उसका पति उसे बाइक पर बैठा कर नजदीकी हॉस्पिटल ले जाने का प्रयास कर रहा था लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला की हालत बिगड़ने लगी और उसने सड़क के किनारे ही बच्चे को जन्म दिया.
पुलिस का मानवीय चेहरा
हालांकि इस दौरान पुलिस का मानवीय चेहरा एक बार फिर नजर आया. जनपद बॉर्डर पर तैनात चिल्ला थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विजय सिंह ने जब महिला को प्रसव पीड़ा में देखा तो उन्होंने तत्काल महिला कांस्टेबल प्रतिमा को दो अन्य महिलाओं के साथ उसकी मदद को भेजा. महिला द्वारा बच्चे को जन्म देने के बाद चिल्ला थाना प्रभारी विजय सिंह ने महिला व उसके नवजात बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहां मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. रिपोर्ट के मुताबिक बांदा के मलकपुर गांव में रहने वाली एक गर्भवती महिला को लेबर पेन हुआ. महिला के परिजनों ने कई बार सरकारी एंबुलेंस के लिए न किया लेकिन मौके पर एंबुलेंस नहीं पहुंची और उसकी तकलीफ बढ़ती गई जिसके बाद महिला का पति उसे बाइक पर बैठा कर अस्पताल जाने लगा लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला ने बांदा और फतेपुर दो जनपद को जोड़ने वाले बॉर्डर पर बच्चे को जन्म दे दिया. मामला चिल्ला थाना क्षेत्र के यमुना और केन नदी पुल के पास का है जहां पर फतेहपुर जनपद के ललौली थाना क्षेत्र के मलकपुर गांव के रहने वाले ननकू निषाद अपनी पत्नी फूला निषाद को लेकर फतेहपुर जनपद से नजदीक पड़ने वाले स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहे थे.