भोपाल.क्या प्रदेश की जनता की सुरक्षा करने वाले कोरोना वॉरियर्स (Corona warriors) की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. कोरोना योद्धा पुलिस कर्मी जनता की सुरक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं, लेकिन पता चला है कि उनकी सुरक्षा और बचाव के लिए जो संसाधन मुहैया शासन प्रशासन को कराना चाहिए उसमें घोर लापरवाही बरती जा रही है.
राजधानी भोपाल के कंटेंटमेंट जोन में तैनात पुलिसकर्मियों के साथ पीपीई किट के नाम पर मजाक किया जा रहा है. एक पीपीई किट 1 ही दिन पुलिसकर्मी को इस्तेमाल करनी होती है. लेकिन उन्हें दो दिन तक एक ही किट इस्तेमाल करना पड़ रही है. यह नियम के विरुद्ध है, जबकि एक बार पीपीई किट का इस्तेमाल होने के बाद उसे डिस्पोज किया जाना चाहिए.टीम ने राजधानी भोपाल के कंटेंटमेंट एरिया में जाकर पुलिस कर्मियों का हाल जाना तो सच्चाई निकलकर सामने आ गई. बागसेवनिया इलाके में स्थित एक कंटेंटमेंट जोन में तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया बताया कि उसे 8 दिन में 4 किट मिली थीं. यानी उसने 2 दिन तक एक किट पहनकर कंटेंटमेंट जोन में ड्यूटी की. कंटेंटमेंट जोन में एक पुलिसकर्मी को वहां की तमाम स्थिति परिस्थितियों पर नजर रखनी पड़ती है. लोगों के आने-जाने पर रोक लगानी पड़ती है. साथ में तमाम लोगों की डिटेल भी नोट करनी पड़ती है. ऐसे जोन में लगातार ड्यूटी करने के कारण पुलिसवालों को संक्रमण का खतरा बना रहता है.
नगर निगम के कर्मचारियों के पास पीपीई किट नहीं
शहर के 120 कंटेंटमेंट जोन में 710 पुलिसकर्मी तैनात हैं. 2 दिन के लिए 1068 किट बांटी गई, जबकि 1420 की जरूरत है. पुलिस के पास सिर्फ 2000 किट का स्टॉक है.नगर रक्षा समिति के 800 सदस्यों को भी किट नहीं मिल रही है. इसके अलावा11000 शत-प्रतिशत निगम कर्मचारियों को भी किट नहीं मिली है. कंटेंटमेंट जोन में तैनात नगर निगम के कर्मी ने बताया कि उसे अभी तक पीपीई किट नहीं मिली है किट के नाम पर कपड़े की एक किट दी गई है जो सुरक्षा के लिहाज से उचित नहीं है. यह हाल राजधानी भोपाल का ही नहीं है.यही हाल इंदौर के अलावा दूसरे शहर के कंटेंटमेंट में तैनात पुलिसकर्मियों का भी है. जबकि स्वास्थ्य कर्मी जो सर्वे करने के लिए घर घर जा रहे हैं उन्हें जो किट मिलती है वह सर्वे करने के बाद शाम को सर्वे रिपोर्ट देने के साथ ही उसे डिस्पोज कर देते हैं.