रविवार, 26 अप्रैल 2020

हिमाचल में निजी स्कूलों की मनमानी: शिक्षामंत्री बोले, जबरदस्ती फीस ली तो नया कानून बनाएंगे

कोरोना (Corona Virus) के संकट के समय में सरकार की ओर से निजी स्कूलों को आगामी आदेशों तक फीस ना वसूलने के आदेश जारी किए गए थे. वहीं निजी स्कूल इन आदेशों को दरकिनार कर लगातार अभिभावकों पर फीस (Fees) जमा करवाने का दबाव बना रहे हैं. शिमला (Shimla) शहर के कई निजी स्कूल अभिभावकों को मैसेज के माध्यम से और व्हाट्सएप के माध्यम से 26 हजार से अधिक की फीस जमा करवाने का फरमान जारी कर रहे हैं. सरकार के आदेश भी निजी स्कूलों की मनमानी को नहीं रोक पाए रहे है, लेकिन अब शिक्षा मंत्री ने थोड़ी राहत यह कह कर अभिभावकों को दी है कि कोई भी अभिभावक बच्चों की फीस नहीं दे पाता है तो स्कूल उससे पैनेल्टी या जुर्माना स्कूल नहीं वसूल सकेंगे.
यह बोले शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने साफ शब्दों में कहा है कि निजी स्कूल शिक्षकों अभिभावकों से जबरदस्ती फीस नहीं ले सकते हैं और ना ही कोरोना के संकट के बीच में शिक्षकों को नौकरी से निकाल सकते हैं. शिक्षकों की सैलरी भी स्कूल नहीं रोक सकते हैं. अगर निजी स्कूल ऐसा करते हैं तो इसके लिए सरकार को नया कानून भी बनाना पड़े तो वह भी बनाया जाएगा, लेकिन निजी स्कूलों को यह मनमानी नहीं करने दी जाएगी.
सजा और जुर्माना भी हो सकता है
शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना के समय में एपिडेमिक एक्ट को राज्य सरकार ने अडॉप्ट किया है और वहीं डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत भी अगर कोई संस्था और व्यक्ति विशेष सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हैं तो उन पर मुकदमा होने के साथ ही सजा और जुर्माना भी हो सकता है. ऐसे में निजी स्कूलों की मैनेजमेंट से यह आग्रह है कि वह इस समय में अपनी मनमानी को छोड़कर सरकार और आम जनता के साथ सहयोग करें.
अभिभावकों को भी सलाह
शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों को भी यह सलाह दी है कि संकट के समय में भी निजी स्कूल अभिभावकों का सहयोग नहीं करते हैं तो अभिभावकों को भी इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या उन्हें अपने बच्चों को ऐसे स्कूलों में शिक्षा देनी चाहिए या नहीं. हालांकि शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि निजी स्कूलों की ओर से लिखित में या मैसेज के माध्यम से अभिभावकों को फीस जमा करवाने को लेकर जो आदेश जारी किए जा रहे हैं, उन पर तो सरकार कुछ नहीं कर सकती है लेकिन इतना जरूर है कि जो अभिभावक जो फ़ीस दे सकते हैं, वह दें. लेकिन जो अभिभावक फीस नहीं दे पा रहे हैं उन्हें किसी भी तरह की पेनल्टी और जुर्माना सरकार नहीं लगने देगी.
मनमानी पर रोक लगाएं: छात्र अभिभावक मंच
इस मामले को लेकर छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंदर मेहरा एक बार फिर से मुख्यमंत्री और सरकार से यह मांग की है कि सरकार  निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाए. निजी स्कूल कोरोना के संकट के समय में भी बढ़ी हुई दरों पर अभिभावकों से फीस वसूल रहे हैं. वहीं कोरोना के संकट के बीच कुछ अभिभावक ऐसे हैं जिनका काम कोरोना के चलते बंद पड़ा है और ऐसे में अभिभावक फीस देने में भी असमर्थ हैं. अब सरकार को चाहिए कि वह निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाए और फीस वसूलने के जो आदेश लगातार जारी किए जा रहे हैं उन स्कूलों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए.
28 एमएचआरडी के साथ होगी बैठक
देशभर में कोरोना की वजह से जहां शिक्षण संस्थान बंद हैं. ऐसे में अब 28 अप्रैल को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक होने जा रही है. इस बैठक में जहां आगामी समय में शिक्षण संस्थानों की गतिविधियां किस तरह से रहेंगे उन्हें खोला जाएगा या नहीं इसे लेकर चर्चा होगी. तो वहीं फ़ीस और अन्य मामलों पर भी चर्चा की जाएगी. इसके बाद ही प्रदेश सरकार की ओर से भी इन सभी मामलों को लेकर निर्देश जारी किए जाएंगे.


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