शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

कार्ययोजना बनाने के निर्देश , दूसरे राज्यों में फंसे करीब 10 लाख मजदूरों को वापस लाएगी योगी सरकार

लखनऊ. लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM yogi Adityanath) ने दिए हैं. शुक्रवार को टीम-11 के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों व उनके परिवार को वापस लाने के लिए कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अलग-राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचित कर इसका पूरा रोडमैप बनाकर तीन दिन में उनके समक्ष पेश किया जाए. बता दें लॉकडाउन के दौरान अभी तक पांच लाख मजदूर यूपी में आ चुके हैं. एक अनुमान के मुताबिक देश के अलग-अलग राज्यों में अभी भी 10 लाख मजदूर फंसे हैं.



चरणबद्ध तरीके से होगी वापसी
मुख्यमंत्री ने सभी राज्यों में तैनात नोडल अफसरों से सभी मजदूरों की वापसी चरणबद्ध तरीके से कराने के लिए रोडमैप मांगा है. पहले उन लोगों की वापसी की जाए जो लोग अलग-अलग राज्यों में क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिन की अवधि पूरी कर चुके हैं. उन्हें वापस लाकर उनका स्वास्थ्य परिक्षण करवाकर मेडिकल प्रोटोकॉल का पालन करते हुए भी क्वारंटाइन किया जाए. इसके बाद वे मजदूर आएंगे, जो काम धंधा बंद होने की वजह से अपनी-अपनी जगह फंसे हैं. यूपी में वापसी पर भी मजदूरों का मेडिकल जांच के बाद क्वारंटाइन में रखा जाएगा. इतना ही घर वापसी के बाद उनके लिए रोजगार की व्यवस्था के भी निर्देश दिए हैं.
इतना बड़ा ऑपरेशन करने वाला यूपी होगा पहला राज्य
यूपी सरकार में मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री अपने लोगों को लेकर चिंतित हैं. इसलिए उन्होंने पहले कोटा से छात्रों को निकाला और अब प्रवासी मजदूरों को निकालने के लिए रोडमैप बनवाने का निर्देश दिया है. सभी मजदूरों की घरवापसी प्रोटोकॉल के तहत होगी. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने इस बात का भी ध्यान रखा है कि उन्हें घर वापसी के बाद रोजगार भी मिले. इसके लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को 15 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने के निर्देश दिए हैं. दरअसल मुख्यमंत्री यूपी से पलायन को रोकने की दिशा में भी काम कर रहे हैं. यूपी पहला राज्य है जो इस तरह का फैसला ले रहा है.
ये होगी चुनौती
इतनी बड़ी संख्या में अलग-अलग राज्यों से मजदूरों को लाना किसी चुनौती से कम नहीं है. वो भी तब जब रोड और रेल सेवाएं भी स्थगित हैं. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने अलग-अलग जिलों में तैनात नोडल अफसरों से वहां की सरकार से बात कर यूपी के बॉर्डर तक छोड़ने की व्यवस्था कराने की बात कही है. बॉर्डर से यूपी रोडवेज की बस से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा. मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि निश्चित ही यह एक बड़ी चुनौती है. लेकिन हम आठ हजार छात्रों को कोटा से निकालकर लाए हैं. अधिकारियों को रोडमैप तैयार करने को कहा गया है. जो भी कार्य योजना बनेगी उसी अनुसार सभी को लाया जाएगा.


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