जौनपुर जिलाधिकारी श्रीमान दिनेश कुमार सिंह जी इस समय जनपद के गाॅव गाॅव मे जाकर गरीबो का हाल चाल पूछ रहे है राशन बाॅट रहे है मगर इस कार्य मे जिलाधिकरी महोदय इस कदर ब्यस्त हो गये है कि वे यह भूल गये है कि जनपद के दूसरे अधिकारी उनकी तरह शायद ईमानदारी से अपना फर्ज नही निभा रहे है या वे यह सोच रहे है कि जिलाधिकाराी महोदय गाॅव मे राशन बाॅट रहे हे तब तक हम कुछ गपशप ही करले यह करनामा जिला मुख्यालय के स्वास्थ्य विभाग यनी जिला चिकित्सालय के चिकित्सक एवं स्टाफ की है जो यह भूल गये कि जितना जरूरी गरीब को भोजन है शायद उतना ही जरूरी उसका स्वस्थ्य भी है जहा शहर की सड़को पर मोटे मोटे अक्षरो मे लिखा जा रहा है कि कोरोना से डरो ना कोरोना से लड़ो इस जुमले का बिपरीत व्यहार जिला अस्पताल मे देखने को मिल रहा है आज जिला अस्पताल के चिकित्सक एवं स्टाफ इस कदर कोरोना का भय फैला रहे है कि कोरोना की आड़ मे अस्पताल के स्टाफ अपने चैम्बर मे बैठकर गप्पे मारते देखे जाते है मगर रोगी को देखने के लिए आना कानी करते है भले ही गरीब बिमार व्यक्ति को कोई आराम न मिला हो मगर रोगी की वर्तमान हालत जाने बगैर उसका डिस्चार्ज कार्ड बना देते है इतना ही नही अगर रोगी या उसके साथ का कोई व्यक्ति थोड़ा आराम होने पर जाने की बात करे तो डाक्टर और स्टाफ यह कह कर डराते है कि एक सादे कागज पर लिख कर दे दो कि हम यह जान कर अपने रोगी को भर्ती किये है
कि कोरोना के इस माहौल मे डाक्टर साहब नही आएगे यदि मेरे रोगी को कुछ हुआ तो उसका जिम्मेदार मै स्वयं हूॅ। कई पीड़ितो ने बताया कि इसकी शिकायत वे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से भी किये मगर कोई लाभ नही आखिर जब किसी रोगी को आराम दिये बगैर जबरजस्ती डिस्चार्ज करना है तो उससे बेहतर उसे आते ही किसी दूसरे अस्पताल मे रेफर कर दे अथवा भर्ती लेने से इंकार करदे जिससे अस्पताल के स्टाफ को बैठकर गप्पा मारने का पूरा समय मिल सके।