सोमवार, 27 अप्रैल 2020

लॉकडाउन में कम हो गए अपराध, लेकिन आगे आने वाली है बड़ी चुनौती!


 







नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते पूरे देश में 40 दिन का लॉकडाउन (Lockdown) चल रहा है. ऐसे में देश के कई हिस्सों से अपराध (Crime) के ग्राफ में कमी की खबर है. मारपीट, चेन स्नैचिंग, वाहन चोरी, लूट, फिरौती, अपहरण, रंगदारी, आत्महत्या सहित कई प्रकार के आपराधिक वारदातों के मामलों पर नजर डालें तो इसके ग्राफ में तेजी से गिरावट दर्ज की गई है. हालांकि, लॉकडाउन के दौरान यूपी-बिहार (UP-Bihar) जैसे कुछ राज्यों में छिटपुट घटनाएं हुई हैं. इसके बावजूद पुलिस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पहले की तुलना में सभी प्रकार के अपराध में 75 प्रतिशत की कमी आई है. हालांकि पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में बेरोजगारी की वजह से अपराध की चुनौती बढ़ सकती है.



लॉकडाउन के दौरान अपराध में कमी
गौरतलब है कि राष्ट्रीय अपराध शाखा रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के मुताबिक, 'देश में हर साल तकरीबन 30 हजार लोगों की हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज किए जाते हैं. लेकिन, लाकडॉउन के दौरान इनमें काफी कमी आई है. अनुमान है कि लॉकडाउन के दौरान हत्या के दर्ज मामलों में 50 प्रतिशत से भी ज्यादा की कमी आई है. फिलहाल अभी कोई डाटा नहीं है. आत्महत्या के मामले में भी काफी कमी आई है. ऐसे में कहा जा सकता है कि लॉकडाउन के कारण अपराध के मामले में लोगों को घर में रहने का फायदा मिल रहा है. लॉकडाउन के दौरान अपराध में कमी की मूल वजह पुलिस की चौकसी है. लॉकडाउन के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में जुटी पुलिस हर जगह तैनात है. इस वजह से भी अपराध कम हो रहे हैं. बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ पुलिस अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने में भी जुटी है. इसी वजह से ये सुखद आंकड़े दिख रहे हैं. हालांकि, यह स्थायी समाधान नहीं है. किसी व्यक्ति को घर में रख कर अपराध पर काबू पा नहीं सकते. लॉकडाउन से पहले या बीच में भी अन्य राज्यों से कई लोग आए हैं. लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी लोग आएंगे. ऐसे में आने वाले दिनों में उन लोगों के सामने रोजगार का संकट सामने खड़ा होने वाला है. इस स्थिति में पुलिस को ज्यादा चौकस रहना पड़ेगा.



ग्रामीण इलाकों का क्या है हाल
अगर बात देश की ग्रामीण क्षेत्रों की करें तो वहां भी अपराध में काफी कमी आई है. एक-दो घटनाओं को छोड़ दें तो ग्रामीण इलाकों में शांति है. बिहार के बेगूसराय जिले के खोदावंदपुर प्रखंड के एसएचओ दिनेश कुमार कहते हैं, लॉकडाउन के दौरान पहले की तुलना में अपराध काफी कम हो गए हैं. थाने में अब एफआईआर भी कम दर्ज हो रही है. पहले महीने में 15-20 एफआईआर दर्ज होती थी. वहां पर बीते एक महीने में सिर्फ 5 ही हुई है.'

कुछ जिलों में अपराध बढ़े
हालांकि, लॉकडाउन के दौरान बिहार के कुछ जिलों से अपराध की खबरें भी आ रही हैं. बीते कुछ घंटों में ही बेगूसराय में चार लोगों की हत्या कर दी गई है. जहानाबाद जैसे जिले भी हैं, जहां पर चोरी की घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसका कारण माना जा रहा है कि लॉकडाउन की वजह से लोग एक जगह फंसे हुए हैं. ऐसे में कई गांवों के घर बंद हैं, जिसका फायदा चोर उठा रहे हैं.








Featured Post

घाटे बहुत हैं चाहतों के रोज़गार में

                        हीरालाल यादव "हीरा" पड़ता नहीं हूँ सोच के ये बात प्यार में I घाटे बहुत हैं चाहतों के रोज़गार में    ।।   ह...