लखनऊ. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) का शिक्षाशास्त्र विभाग एक बार फिर विवादों में हैं. इस बार सवाल शिक्षाशास्त्र विभाग की नई विभागाध्यक्ष और संकायाध्यक्ष प्रो. डॉ. तृप्ता त्रिवेदी की सीनियरिटी पर उठा है. इससे पहले भी ई-कंटेंट चोरी सहित लेन-देन कर परीक्षा की उत्तर-पुस्तिका लिखवाने के मामले में भी उनका नाम उछला था, जिस पर अभी जांच पूरी भी नहीं हुई थी. अब उनकी सीनियरिटी विवादों के घेरे में है. शिक्षाशास्त्र विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष और संकायाध्यक्ष प्रो. निधि बाला ने डॉ. तृप्ता त्रिवेदी की सीनियरिटी को गलत तरीके से बढ़ाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि प्रशासनिक मिलीभगत से डॉ. तृप्ता त्रिवेदी की सीनियरिटी गलत बढ़ाने के साथ-साथ नियम विरुद्ध भी है. उन्होंने रविवार कुलपति से शिकायत कर उनकी सीनियरिटी की जांच की मांग की है. साथ ही पूर्व में चल रही जांच पर अभी तक रिपोर्ट न आने पर सवाल भी खड़े किए हैं. प्रो. निधि बाला की शिकायत पर कुलपति ने डीन आर्ट्स, डीन एकेडेमिक्स व प्रो. SN सिंह की जांच कमिटी बनाकर फैक्ट फाइंडिंग सहित विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
परीक्षक बनाने पर डाला था दवाब
प्रो. निधि बाला का आरोप है कि बलराम कृष्ण एकेडमी की प्रबंधक प्रोफेसर तृप्ता त्रिवेदी रूहेलखंड विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला की शह पर बोर्ड ऑफ स्टडीज में अपने कॉलेज में मनचाहा एग्जामिनर लगाने के लिए उनके ऊपर प्रशासनिक दबाव बनाया करती थी, जिसके बाद डॉ. निधि ने विभागाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे के बाद शिकायत राजभवन में की गई जो आज भी कुलपति कार्यालय में लंबित है. अभी तक उस शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है.