रविवार, 26 अप्रैल 2020

सैफई मेडिकल कॉलेज का हाल / एक कमरे में 5 से 7 मरीज; कचरे से भरे डस्टबिन, कोरोना पॉजिटिव रोगी ने खोली अव्यवस्था की पोल

आगरा/इटावा. स्वच्छता व सामाजिक दूरी बनाकर ही कोरोनावायरस को मात दी जा सकती है। कारण गंदगी कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए मुसीबत बन सकती है। लेकिन सैफई मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। यहां वार्ड व शौचालयों में गंदगी का अंबार है। वार्ड में भी मरीजों के बीच सामाजिक दूरी का ख्याल नहीं रखा गया है। इस बाबत एक युवक ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है


22 अप्रैल को 69 मरीज सैफई हुए थे शिफ्ट
दरअसल, 22 अप्रैल को आगरा में भगवान टॉकीज स्थित पारस अस्पताल से 69 मरीजों को इटावा के सैफई मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया था। इनमें कई एक ही परिवार के हैं। जिन्हें अलग अलग वार्ड में रखा गया है। यहां का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें मेडिकल कॉलेज में इंतजामों की पोल खोली गई है। वीडियो को एक 17 वर्षीय युवक ने बनाया है। युवक ने बताया कि, वह चार-पांच दिनों से वहां भर्ती है। उसके माता-पिता भी कोरोना पॉजिटिव हैं। वीडियो में वार्डो के बाहर गत्ता और पानी की बोतलें सहित अन्य सामान पड़े दिखे। वार्ड से कुछ दूरी पर चार रंग के बड़े-बड़े डस्टबिन रखे हैं, जो कचरे से पूरी तरह से भरे हैं। इनके आसपास कचरा पड़ा है। फर्श पर पानी है और शौचालय गंदे हैं। यहां तक नल के पास पोंछा टांगा जा रहा है। वॉशबेसिन तक गंदे पड़े हैं। कोरोना पॉजिटिव मरीज ने बताया कि वार्ड में जिस तरीके से शारीरिक दूरी का पालन होना चाहिए, वह नहीं हो रहा है। पासपास बेड पड़े हैं। बेड शीट तक नहीं बदली जा रही हैं। एक ही कमरे में पांच से सात लोगों को रखा गया है। सफाई कर्मचारी नहीं आ रहे हैं। एक अन्य मरीज ने बताया कि शौचालय में बाल्टी और मग तक साफ नहीं हैं।


आगरा में मरीजों की संख्या 371 पहुंची, अब तक 9 की मौत
ताजनगरी में अब तक 371 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। यहां 30 क्षेत्रों में 90 सक्रिय हॉटस्पॉट चिन्हित हैं। जबकि, कुल हॉटस्पॉट की संख्या 104 है। अब तक यहां 9 रोगियों की मौत हो चुकी है। डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी की जा रही है, जबकि निष्क्रिय हॉटस्पॉट की निगरानी रखी जा रही है।


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