रविवार, 10 मई 2020

सोशल डिस्टनसिंग के बजाए फिज़िकल डिस्टनसिंग शब्द के उपयोग के निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक दूरी शब्द के बजाए भौतिक दूरी शब्द के उपयोग के लिए दिशा-निर्देश देने की मांग वाली याचिका को 10,000 / - रुपए की लागत के साथ खारिज कर दिया। शकील कुरैशी की ओर से एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड सत्या मित्रा द्वारा दायर याचिका दायर की थी और वरिष्ठ अधिवक्ता एस.बी. देशमुख ने इस पर बहस की। उन्होंने याचिका में कहा कि COVID 19 के



प्रकोप के दौरान उत्तरप्रदेश और अन्य राज्यों में सोशल डिस्टनसिंग, हिंदी में सामाजिक दूरी शब्द के रूप में उपयोग किया जा रहा है। देशमुख ने न्यायालय को प्रस्तुत किया कि देश के इतिहास में अंतर्निहित जाति की धारणाओं के कारण सामाजिक दूरी शब्द के स्थान पर भौतिक दूरी शब्द के उपयोग के लिए निर्देश दिए जाएं। आगे कहा गया कि यह अल्पसंख्यकों में भेदभाव करने का एक साधन है। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय याचिका पर सुनवाई करने के लिए इच्छुक नहीं था। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति बीआर गवई की खंडपीठ ने याचिका को 10, 000 रुपए की लागत के साथ खारिज कर दिया। यह राशि आठ सप्ताह की अवधि के भीतर सुप्रीम कोर्ट मध्यस्थता केंद्र में याचिकाकर्ता द्वारा जमा की जानी है।


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