मंगलवार, 2 जून 2020

सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7 के बारे मे संक्षिप्त विवरण

सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7 के बारे मे संक्षिप्त विवरण ( जानकारी )


धारा 7(1) :- जीवन की रक्षा एवं स्वतंत्रता से संबंधित


सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7(1) के तहत माँग सकते हैं, जो लोक जन सूचना अधिकारी या केंद्रीय जन सूचना अधिकारी 48 घंटे में प्रदान की जाएगी । जीवन की रक्षा से संबंधित कुछ सूचनाएँ इस प्रकार है :-


1. पुलिस उत्पीड़न एवं हिंसा के विरुद्ध अधिकार 
2. कैदी का इंटरव्यू देने का अधिकार 
3. निशुल्क कानूनी सहायता का अधिकार 
4. निजता का अधिकार 
5. शीघ्र विचारण का अधिकार
6. निष्पक्ष विचारण का अधिकार  
7. कामकाजी महिलाओं के लैंगिक शोषण के विरुद्ध अधिकार


धारा 7(2) :-  जीवन की रक्षा एवं स्वतंत्रता से संबंधित सूचना केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी सूचना देने में असफल रहते हैं तो उस आवेदन को नामंजूर कर दिया समझा जाएगा ।


धारा 7(3) (क) :- दस्तावेज के लिए अधिभारित शुल्क के बारे में  30 दिन के अंदर अगर लोक जन सूचना अधिकारी   आवेदक को इसकी जानकारी नहीं देते हैं तो 30 दिन के बाद इसे अपवर्जित किया जाएगा


धारा 7(4) :- इस अधिनियम के अधीन अभिलेख या उसके किसी भाग तक पहुँच अपेक्षित है और ऐसा व्यक्ति, जिसको पहुँच उपलब्ध कराई जाने है । संवेदनात्मक रूप से निशक्त है, वहाँ यथास्थिति, केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य सूचना अधिकारी सूचना तक पहुँच को समर्थ बनाने के लिए सहायता उपलब्ध कराएगा जिसमें निरीक्षण के लिए सहायता सम्मिलित है, जो समुचित हो ।


धारा 7(5) :- इसके अधीन फीस युक्तियुक्त होगी और ऐसे व्यक्ति से, जो गरीबी रेखा के नीचे है, जैसा समुचित सरकार द्वारा निर्धारित किया जाएगा, कोई फीस प्रभारित नहीं की जाएगी ।
 
धारा 7(6) :- लोक जन सूचना अधिकारी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 6(1) के तहत 30 दिनों में सूचना उपलब्ध नहीं कराते हैं 30 दिन के बाद बिना भारित शुल्क के पूरी सूचना और दस्तावेज लोक जन सूचना अधिकारी मुफ्त में उपलब्ध कराएंगे


धारा 7(7) :- केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 11 के अधीन पर व्यक्ति (Third Party) द्वारा किए गए अभ्यावेदन को ध्यान में रखेगा ।


धारा 7(8) :- केंद्रीय जन सूचना अधिकारी या राज्य जन सूचना अधिकारी द्वारा को दिए गए आरटीआई आवेदन को अस्वीकृत करता है तो 
(i) अस्वीकृति का कारण बताएगा ।
(ii) वह अवधि जिसके भीतर अस्वीकृति के विरुद्ध कोई अपील की जा सके 
(iii)अपीलीय प्राधिकारी का नाम, पदनाम और पूर्ण पता देगा। 


धारा 7(9) :- केंद्रीय जन सूचना अधिकारी या लोक जन सूचना अधिकारी किसी सूचना को उसी प्रारूप में उपलब्ध कराएगा जिसमें उसे माँगा गया है । जब तक कि लोक प्राधिकारी के स्रोतों को अननुपाती रुप से विचलित ना करता हो ।
प्रश्नगत अभिलेख की सुरक्षा या संरक्षण के प्रतिकूल ना हो ।


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