गुरुवार, 3 सितंबर 2020

मल्टी लेवल मार्केटिंग (एम एल एम) को बदनाम करता गुलफ्कोइन गोल्ड (जी सी ज

कुछ वर्ष पहले माय गल्फ कॉइन जो कि अब जी सी जी गल्फ कॉइन गोल्ड है का प्लान देख आकर्षित हो कर तमाम निवेशकों ने अपनी मेहनत की कमाई निवेश किया था।कंपनी ने अपने प्लान के मुताबिक कई चरणों मे निवेशकों को लुभावने सपने
दिखाती रही।सर्व प्रथम क्रिप्टो करेंसी के रूप में एम जी सी लोगों के निवेश के बदले बेचती रही और सब्जबाग दिखाती रही कि आज जो कॉइन कम्पनी आपको तीन में बेच रही आने वाले कुछ दिनों में कम्पनी उसी कॉइन को कंपनी पुनः दस बीस, पचास, सौ में खरीदेगी। कम्पनी अपने इको सिस्टम द्वारा एक बड़ा बाजार क्रिएट करेगी जिससे आप खुद अपने कॉइन का भाव तय करेंगे,और सपोर्ट स्टोरी के रूप में कंपनी के लीडर निवेशकों को बिटकॉइन की स्टोरी सुनाते रहे कि कैसे कुछ ही वर्ष पहले पचास पैसे का बिटकॉइन लाखों में चला गया। बाज़ार मेंजी सी जी  बिकता रहा और लीडर ऐश करते रहे।खैर महीनों बीत गया ना ही कॉइन का दाम बढ़ा ना ही कंपनी किसी एक्सचेंज पर रजिस्टर्ड हुई फिर कंपनी को किसी तरह नोवा एक्सचेंज का सहारा मिला परंतु बहुत कम समय मे ही नोवा बंद हो गया और एम जी सी अनाथ हो गया।अब फिर कंपनी ने अपने निवेशकों के सामने एक बिग प्लान को अंजाम दिया और लीडरों को समझाया कि कंपनी एक वर्ल्ड लेवल का मयूजिकल शो वेलकम टू हेल (नर्क में स्वागत है)ऑर्गनाइज़ कर रही है जहां टिकट से लेकर खान पान की हर खरीद में एम जी सी का उपयोग होगा और एम जी सी का भाव दस जाना निश्चित है। शो का जबरदस्त प्रोमो लांच कर निवेशकों को खूब लालच देकर बड़ा निवेश कराया गया।नतीजतन शो तो हुआ पर एम जी सी जैसा का तैसा रहा और कंपनी अबनिवेशकों की  बद दुवाओं के साथ नर्क की ओर अग्रसर हो गई।


 लूट खसोट का धंधा बना है जी सी जी
एम जी सी की साख दागदार होने के बाद कंपनी ने अपना प्लान और चरण (फ़ेज़)बदलते हुए और एम जी सी को आकर्षण देते हुए जनमानस में छा जाने की चाहत लिए कंपनी ने जारी किया एम जी सी का एक मोबाइल एप्प  और कहा सभी लोग अपना कॉइन ऍप पर ट्रांसफर करें और रयूमर ये उड़ाया गया कि वेबसाइट बंद होगी, और सबने किया भी वही  कुछ ही दिनों बाद एक मैसेज प्रसारित होता है कि चौबीस घंटे के अंदर अपना कॉइन ऍप से हटालें लाख कोशिश के  बावजूद बहुतो के कॉइन ट्रांसफर नही हो पाए एप्प करप्ट हुआ लोगों के कॉइन गायब हुए।और कंपनी ने ब्लॉकचैन का हवाला देकर शांत करने की कोशिश की परंतु निवेशक ठगे तो थे लेकिन चुप रहे। कंपनी अपने क्रिया कलापों से दागदार होती जा रही थी।पुनः कंपनी ने शायद सोची समझी साजिश के तहत एम जी सी को बदलकर जी सी जी का निर्माण किया और तीन एम जी सी बराबर एक जी सी जी बनाकर वजन दार और बेदाग कॉइन निवेशकों के सामने प्रस्तुतकिया।और फिर जी सी जी का भी ऍप और वही पुराना ड्रामा जी सी जी का भी ऍप वैसे ही करप्ट हुआ और निवेशक का कॉइन फिर लुटा ।इस बार निवेशकों के कॉइन बड़े पैमाने पर डूबे, निवेशकों को समझ आ गया कि कंपनी को अपना कॉइन लेना है वोकिसी न किसी बहाने ले लेगी और साइट खुला रख कर ईमानदार भी बनी रहेगी। और हुआ भी वही,कॉइन लुटा,एप्प बंद हुए,साइट अब भी खुली है और कंपनी अपनेतीन चार,साल सफलता का कीर्तन अलाप रही है।अब कम्पनी ने अपने आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का हवाला देते हुए सम्पूर्ण आफिस दुबई ट्रांसफर कर भारतीय निवेशकों को समझाया कि जी सी जी पर भारतीय कानून लागू नही होता ।लेकिन शर्तेंनिजताजिस कंपनी के खैर ख्वाह भ्रस्ट हो वो सफल नही हो सकता, एक कहावत है जैसी नियत वैसी बरक्कत फिर कंपनी ने दुबई का ताम झाम फैलाकर अपने लीडरों द्वारा न्यू फ़ेज़ लांच के तहत नए निवेशकों को अपना दो वर्ष पुराना हवाला देकर वही सड़ा गला वर्चुवल कॉइन, नए निवेशकों को बर गलाकर,झूठी झूठी स्टोरी सुनाकर, पुराने निवेशकों को अपना कॉइन बचाकर रखने की सलाह देते हुए ,उन्ही के द्वारा लाये गए नए निवेशकों या सछम निवेशकों को अपना कॉइन पांच  से लेकर पचास  तक बेचते रहे और कहानी सुनाते रहे और निवेशकों को लूटते रहे। कभी खुद का एक्सचेंज क्रिप्टोबुल लांच कर कभी क्रिप्टो करेंसी का बैंक लांच होनेवाली है कि स्टोरी सुनाकर तो कभी सी बी एक्स लांच कर ,नकली बिटकॉइन देकर कंपनी लोगों को लूटती रही।कम्पनी द्वारा संचालित लीडरों का रैकेट लोगों को लूटता रहा और अपनी जेब भरता रहा।कंपनी अपने ही कुछ चहेतों में रिवॉर्ड अवार्ड बॉट कर ताली बजाती रही और अपने सेअपना पीठ थप थपाती रही।कंपनी दागदार होती गई और निवेशकों की बद दुआओं नेकंपनी को उसकी औकात पर ला खड़ा किया ।खासियत ये रही कि कम्पनी का क्रियेटर शाशा गुप्ता खुद को परदे के पीछे रखता और लोगों के सहारे अपना खेल खेलता रहा।सच का तो पता नही पर इतना जरूर था कि निवेशकों में शाशा गुप्ता की छवि अच्छी बानी रही। जब कम्पनी एम जी सी, जी सी जी, वेलकम टू हेल, क्रिप्टोबुल, जी सी जी , और दुबई का का तामझाम सब खेल चुकी तो मिस्टर शाशा गुप्ता निवेशकों के सामने प्रस्तुत होकर कहते है इस कॉइन को मैं साबित करूँगा की ये एक ऐसेट है आप मुझे दो मेरा कॉइन और मुझसे ही लो हर माह एक प्रतिशत और पुनः जी सी जी एक्सचेंजर के माध्यम से लोगों के बचे खुचे कॉइन कंपनी ने हड़प  लिए। शाशा ने स्वयं अपनी ज़बान से वादा कर पूरा नही किया तो निवेशकों का मोह अब कॉइन,कंपनी, और शाशा तीनो से ही उठ चुका था।


      दुबई से तड़ीपार हुआ जी सी जी 
 सूत्र बताते हैं कम्पनी ओनर शाशा गुप्ता सम्पूर्ण रूप से एम एल एम को समर्पित लीडर है और कई वर्षों से उसकी ऊँची सोच और ऊंची उड़ान की आदत ने उसे भारत से दुबई ही नही और भी कई देशों में पहुचा दिया था ,परंतु जिस तरह हर इंसान में कुछ ना कुछ खामियां और कमजोरियां होती है उसी तरह उसमे भी  आदमी ने पहचान पाने की कमी और बिना पंख आसमान में उड़नेकी आदत ने,बुलंदी पर पहुच कर भी तबाही के कगार पर ला खड़ा किया। धोखेबाज और स्वार्थी तथा गद्दार टीम ने सक्सेस तो दूर दुबई की जेल जाने की नौबत पैदाकर दिया।एक प्रतिशत लोगों को देने को कौन कहे दुबई से भाग कर पुनः भारतमे जीना मजबूरी हो गई।और एक बार फिर कंपनी अपने चंडीगढ़ आफिस में अपनी औकात में खड़ी हो गई। कम्पनी ने भारत में क्रिप्टो करेंसी में प्रतिबंध लग्जाने पर अपना आखिरी दांव होलीडे हर्ट्ज (रियल स्टेट)में खेला लेकिन वहां भी कम्पनी का ग्रह नछत्र खराब ही रहा,वहां भी निवेशकों को भारी नुकसान ही उठाना पड़ा।


 इल्युमिनाटी से दूर होगी दरिद्रता


जी सी जी की तलाश स्वर्णिम भविष्य की ।


एम जी सी/ जी सी जी वैल्कम टू हेल, क्रिप्टोबुल, सी बी एक्स, गल्फ कॉइन एक्सचेंजर, होलीडे हर्ट्ज, जैसे तमाम कोशिशों के बावजूद अपने कॉइन का न तो भाव बढ़ा पाई और ना ही किसी एक्सचेंज पर अपने आपको स्थापित कर पाई।जानकारी के मुताबिक़ कम्पनी अपने आप को पुनःभारतीय बाज़ार में ही स्थापित करने की कोशिश मेंअपने नए प्लान को इल्युमिनाटी ज्वेलर्स के साथटॉय अप करके मल्टी लेबल मार्केटिंग के भारतीय बाज़ार में इतिहास रचने कोआतुर है कंपनी के पास अपना तीन चार वर्षों का इतिहास है कम्पनी के पास अपने तीन चार साल पुराने निवेशक है।


 पुराने निवेशक भी वसूली की तैयारी में।-


 कोई भी एम एल एम  का व्यापार सशक्त एडमिन और निशचिंत निवेशकों व मेहनती लीडरों के बल पर ही चलती है जी सी जी भी अपने इसी टाइटिल के साथ चार वर्षों से तिकी है तो इसमें कोई दो राय नही की एम एल एम की दुनियां में तो ब्रांड बन ही चुका है ,अब अगर सशक्त और ईमानदार एडमिन की बात करें तो गल्फ कॉइन गोल्ड वो चाँद है जिस पर एडमिन से लीडर तक कोई ईमानदार नही रहा है।एक बात दावे के साथ कही जा सकती है कि कम्पनी ने कभी भी अपना कोई भी वादा नहीं पूरा किया। कम्पनी ने निवेशकों से पैसे लेकर जितने बहानों से कॉइन वापस लेकर हड़प करने की कम्पनी के उस ड्रामे की सत्यकथा जिसने कंपनी को चोर ही नही डकैत भी साबित किया है।कम्पनी के पास बिज़नेस लेकर  आई डी सेटिंग का भी इतिहास है जो एम एल एम में घिनौना और नफरत की निगाह देखा जाता है ।जबकी कम्पनी के लीडर  खुल कर कहते हैं कि कंपनी व्यापार करने आई है लीडर का मोह देखने नही।जो लीडर कम्पनी को बिज़नेस नही दे सकता कम्पनी के पास उसका क्या काम ?यानी लीडर जबत बिज़नेस देता रहे तब तक कंपनी चहेते ? बिज़नेस बंद लीडर आउट ।बड़ा बिज़नेस देकर छोटे लीडर की आई डी भी ब्लॉक कराई जा सकती है।कम्पनी के नियर और डियर लीडरों की इज्जत मार्केट में उस मुजरा करती हुई उस तवायफ जैसी है जो के केवल जिधर नोट देखती है उधर पैसा देने वालों को अपने घूँघट में ढक लेती है।इसी कारण कुछ
तो कम्पनी छोड़ कर ही हट गए।कम्पनी के पास अपने तीन साल के सड़े गले और बदबूदार इतिहास के सिवा कुछ नही है।कम्पनी ने अपने पुराने निवेशकों से पैसे तो लिए लेकिन बदले में कुछ नही दिया तवज्जो और तरजीह भी नहीं और इस नए प्लान में भी पुराने निवेशकों के लिए न कंपनी के पास कोई प्लान है और ना ही कोई वादा।कंपनी के वो पुराने कुछ लीडर जो साथ है उन्हें पुराने निवेशक पसंद नही करते ।कुछ नए चेहरों को पटाकर ज़ूम मीटिंग के माध्यम से मंच बनाया है परंतु वो नए चेहरे जिस जी सी जी का पहाड़ा पढ़ रहे हैं वो महा झूठ है ।यदि कम्पनी ने अपने पुराने निवेशकों को विश्वास में नही लिया तो वो दिन दूर नहीँ जब भारत मे भी कंपनी को कानूनी झंझटों का सामना करना पड़ेगा।और शायद उसका एक मात्र रास्ता है कि कंपनी ओनर शाशा गुप्ता अपने पुराने निवेशकों के साथ वार्ता कर कोई हल निकालें अन्यथा  जी सी जी  का गंदा इतिहास उसे जहन्नुम तो ले ही जाएगा।
                                           



   


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