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घाटे बहुत हैं चाहतों के रोज़गार में

                        हीरालाल यादव "हीरा" पड़ता नहीं हूँ सोच के ये बात प्यार में I घाटे बहुत हैं चाहतों के रोज़गार में    ।।   ह...