शनिवार, 6 अगस्त 2022

जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे उच्च अधिकारियो की धौस से आउट सोर्सिंग चौकीदार विजय प्रताप बना कार्यालय का बाबू

 जौनपुर उ.प्र मे राम राज्य की कल्पना मे सरकार नित नये कानून बना रही है और उसको लागू करके प्रदेश की जनता के जीवन मे खुशहाली लाने की कोशिश कर रही है ऐसे मे हमारे माननीय मुख्य मंत्री महोदय जी यह भूल जाते है कि हम बाहरी चोरो से लड़ सकते है परंतु जो चोर हमारे घर के अंदर बैठकर अंदर ही अंदर हमको खोखला कर रहा है उसकी खबर हम कब लेगे। आपको बता दे कि पिछड़ी जातियो के विकास के लिए सरकार ने एक विभाग बनाया है जिसको पिछड़ वर्ग कल्याण विभाग के नाम से जाना जाता है अगर कहा जाये तो यह विभाग पिछड़ी जातियो के लिए डूबते को तिनके का सहारा साबित होता है। जौनपुर जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे आउटसोर्सिंग के जरिये चौकीदार के पद पर कार्यरत कर्मचारी बिजय प्रताप सिर्फ नाम का चौकीदार है , विजय प्रताप पिछले कई वर्षो से उपरोक्त विभाग मे चौकीदार का काम करने हेतु रखा गया है परंतु अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल करके तथा जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी श्री सुरेश कुमार मौर्या कि आपसी मिली भगत से दलाली का खुलेआम खेल खेला जा रहा है जिसमे विभाग मे बड़े बाबू के नाम से प्रचलित दलाल अनिल कुमार है जिस पर विजय प्रताप एवं सुरेश कुमार की रहमत की छाया है। विजय प्रताप के पुस्तैनी गाव मे जाकर पूछताछ करने पर पता चला है कि  आज से विगत कुछ वर्षो पहले विजय प्रताप के घर की हालत ऐसी थी जिसकी आर्थिक स्थिति का बयांन नही किया जा सकता ऐसे मे जब पुस्तैनी समय से ही खराब हालत अचानक जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे चौकीदारी करते ही सारा माहोल बदल गया।  कार्य करने के दौरान ही विजय प्रताप ने जमीन खरीदा तथा आलीशान मकान बनवाने के साथ साथ एक नई बोलेरो गाड़ी खरीदा है जिसका नम्बर यू.पी.62बी.क्यू. 5714 है , बड़े ही मजे की बात यह है कि जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे ठेके पर आउटसोर्सिंग के जरिये चौकीदारी का काम करने वाला एक चौकीदार अपनी बोलेरो गाड़ी मे उ0प्र0 सरकार का स्टिकर लगाकर खुलेआम नियम कानून की धज्जिया उड़ा रहा है प्रशासन उसका कुछ नही कर रहा है आाखिर क्यो  आउट सोर्सिंग की पगार देखा जाये तो यह स्पष्ट है कि वह 5000 के किराये के कमरे मे नही रह सकता जो बहुत ही अहम सवाल प्रशासन के सामनें मौजूद है कि क्या विजय प्रताप के कममरे का भाड़ा जिला पिछड़ावर्ग कल्याण अधिकारी देते है।  जग जाहिर है कि चौकीदार का काम शाम को चालू होता है और कार्यालय कर्मचारी का काम प्रातः से आरम्भ होता है यह सब जानने के बाद भी विभाग के अधिकारी सुरेश मौर्या एक चौकीदार को कार्यालय सहायक की कुर्सी पर ससम्मान बैठाते आ रहे है, किसी भी व्यक्ति की योग्यता किसी के आगे रोड़ा नही बनती और ऐसा करने मे कोई आपत्ति भी नही है आपत्ति है तो एक ठेके पर रखे गये चैकीदार को कार्यालय सहायक बनाकर कार्यालय को दलाली का अड्डा बनाने के लिए अनिल कुमार नामका एक पेशेवर दलाल को लगा दिया गया है जबकि सुरेश मौर्या का लिखित कथन है कि वे अनिल को नही जानते परंतु ऐसे दर्जनो प्रमाण है जिसमे तमाम  ऐसे भुक्तभोगी लोग है जो यही जानते है कि कि अनील पिछड़ वर्ग कल्याण विभाग मे एक बाबू है इतना ही नही अनिल ही वह व्यक्ति है जो हमारे सुरेश मौर्या जी को अक्सर छोड़ने जाता है अब सोचना यह है कि जिस अनिल को सुरेश मौर्या जानते ही नही वह उनको दो पहिया वाहन पर बैठाकर घुमाएगा कैसे? इसका जबाब तो सुरेश मौर्या जी को देना ही होगा चाहे प्रशासनिक स्तर पर दे अथवा माननीय न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर । सरकार की मंशा के अनुरूप संचालित योजनाओ की खुलेआम धज्जिया उड़ाई जा रही है और सुरेश मौर्या सिर्फ यह कह कर पल्ला झाड़ रहे है कि वे अनील नाम के किसी व्यक्ति को नही जानते क्योकि इस नाम का कोई भी उनके विभाग मे कार्यरत नही है। अनील कुमार सिर्फ पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग मे ही अपनी दलाली की पैठ नही बनाया है बल्की जिला उद्योग विभाग जौनपुर के उपायुक्त से साठ गाठ करके ऐसी दलाली करता है कि जाच उपरांत विभाग को दातो तले अंगुली दबाना पड़ेगा । अनिल के इस पूरे कार्यशैली के मार्ग दर्शक चौकीदार विजय प्रताप है इतना ही नही इन भ्रष्ट कमिने किस्म के कर्मचारियो द्वारा किस तरह सरकार को चूना लगाकर आम जनता के लाभ की आड़ मे अपनी जेबे भरने का कार्य किया जा रहा है यह जाच का विषय तथा एक संज्ञेय अपराध है जिसकी जाच होनी चाहिए ।



 

बुधवार, 18 नवंबर 2020

PMO अनूठा, मामले को अनिश्चित काल तक लंबित नहीं रखा जा सकता": सुप्रीम कोर्ट ने PM मोदी के वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा जिसमें 2019 के लोकसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव को चुनौती दी गई है। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने कहा कि देश के सबसे महत्वपूर्ण कार्यालय, यानी पीएमओ और इससे संबंधित मुद्दे को अनिश्चित काल तक लंबित नहीं रखा जा सकता है। ऐसा तब हुआ जब याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान कई बार स्थगन और पासओवर की मांग की।सीजेआई एस ए बोबडे ने कहा, "हम पहले ही इसे कई बार स्थगित कर चुके हैं। यह एक महत्वपूर्ण मामला है, जो प्रधानमंत्री के अनूठे कार्यालय के इर्द-गिर्द घूमता है। हम इसे अनिश्चित काल तक लंबित नहीं रख सकते।" अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल, पूर्व बीएसएफ जवान के नामांकन को गलत तरीके से खारिज कर दिया गया था और उन्हें नोटिस जारी होने के बाद पर्याप्त समय नहीं दिया गया था। इस बिंदु पर, सीजेआई बोबडे ने उनसे पूछा कि उक्त विवाद याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में कहां उठाया था।वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे पीएम मोदी के लिए उपस्थित हुए और उन्होंने अदालत को बताया कि विवाद को उच्च न्यायालय के समक्ष नहीं उठाया गया था और न ही अब इसे उठाया गया है। गौरतलब है कि 6 दिसंबर 2019 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से लोकसभा चुनाव जीतने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था। पीएम मोदी के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका बीएसएफ से बर्खास्त जवान तथा समाजवादी पार्टी के घोषित प्रत्याशी तेज बहादुर यादव ने दायर की थी। नामांकन से पहले तेज बहादुर यादव का पर्चा खारिज हो गया था।


हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने 58 पृष्ठ के अपने फैसले में कहा था कि याचिकाकर्ता को इस चुनाव को चुनौती देने का अधिकार नहीं है क्योंकि वह न तो वाराणसी का मतदाता है और न लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी रहा है। इसलिए उसे पीड़ित पक्ष नहीं कहा जा सकता। तेजबहादुर को 24 घंटे में आपत्ति दाखिल करने का अधिकार था किंतु याचिका में यह आधार लिया गया है कि उसे आपत्ति करने का 24 घंटे का समय नहीं दिया गया। दरअसल, वाराणसी सीट से नामांकन दाखिल करने वाले बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव ने पीएम मोदी के निर्वाचन को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनाव याचिका दाखिल की थी। याचिका में तेज बहादुर ने पीएम मोदी का चुनाव रद्द करने की मांग की थी। तेज बहादुर को समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी बनाया था। तेज बहादुर ने चुनाव अधिकारी पर आरोप लगाया था कि पीएम मोदी के दबाव में गलत तरीके से चुनाव अधिकारी ने उसका नामांकन रद्द किया था, जबकि गलत तथ्य देने व सही तथ्य छिपाने के आधार पर नामांकन निरस्त किया गया था। याचिका पर 23 अक्तूबर को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। पीएम मोदी की ओर से ये दलील दी गई थी कि वह वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के वोटर नहीं हैं। साथ ही नामांकन खारिज होने के बाद वह वाराणसी सीट से प्रत्याशी भी नहीं थे। लिहाजा निर्वाचन को वही व्यक्ति चुनौती दे सकता है जो कि वाराणसी लोकसभा क्षेत्र का मतदाता या प्रत्याशी रहा हो। चुनाव याचिका में तेज बहादुर यादव का आरोप था कि उनका नामांकन सेना से बर्खास्त होने के चलते रद्द किया गया है, जबकि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अगर किसी सरकारी कर्मचारी को उसके पद से बर्खास्त किया जाता है तो वह पांच साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकता, जब तक कि चुनाव आयोग उस व्यक्ति को इस बात का सर्टिफिकेट न जारी करे कि देशद्रोह और भ्रष्टाचार के आरोप में उसे बर्खास्त नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी में तर्क दिया गया है कि उच्च न्यायालय जिला चुनाव अधिकारी द्वारा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 और 33 (3) के तहत प्रावधानों के दुरुपयोग की सराहना करने में विफल रहा है। अधिवक्ता प्रदीप कुमार द्वारा दायर की गई ट और अधिवक्ता संजीव मल्होत्रा ​​द्वारा दायर याचिका में आगे कहा गया है कि मामले की योग्यता को ध्यान में रखने में नाकाम रहने पर उच्च न्यायालय द्वारा एक गंभीर त्रुटि की गई है और इस तरह, सिविल प्रक्रिया संहिता के VII नियम 11 के आदेश के "महज तकनीकी आधार" पर याचिका को खारिज करने को गलत ठहराया। पूर्व बीएसएफ जवान ने वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र से अपने नामांकन को अस्वीकार करने के रिटर्निंग ऑफिसर के फैसले को चुनौती देते हुए पहले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वालीपीठ ने याचिका को खारिज कर दिया था



मनरेगा पार्क वाले गांवों को बनाया जायेगा आदर्श गांव

  जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने समस्त उप जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे अपने खंड विकास अधिकारियों से उन गांवों की सूची प्राप्त करे जहां पर मनरेगा पार्क विकसित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जनपद में ऐसे 45 गांव में पार्कों को विकसित किया गया है। इन सभी गांव को आदर्श गांव बनाना है। उन्होंने कहा कि एक सप्ताह तक इन गांवों में स्वयं जाकर के पब्लिक मीटिंग करें और इस मीटिंग में शिक्षा विभाग के एबीएसए और गांव के विद्यालय के सभी अध्यापकगण, बाल विकास की सुपरवाइजर और आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य विभाग की एएनएम और आशा,  पंचायत सचिव रोजगार सेवक किसान सहायक, प्रधान ग्राम एवं अन्य पुरुष और महिलाएं उपस्थित रहे। गांव को आदर्श शिक्षित गांव बनाना, गांव में सभी पात्र विधवा, विकलांग, वृद्धावस्था, किसान सम्मान निधि, सुमंगला योजना आदि के सभी पात्र लोगों का ऑनलाइन आवेदन करा कर उसकी स्वीकृति कराना, कोई पात्र वंचित न रहने पाए। स्कूल की दीवारों का पुरातन छात्र जो किसी न किसी अच्छी पद पर हो उनका नाम, मोबाइल नंबर के साथ लिखवाना और प्रत्येक माह की 01 तारीख को उन्हें बुलाकर सम्मान करना। सभी पात्रों को गांव के 04 महिलाओं के कर कमलों से पोषाहार का वितरण कराना। सभी वंचित और पात्रों का नाम पर राशन कार्ड बनाना, राशन वितरण के लिए चार लोगों की कमेटी बनाना जो अपनी उपस्थिति में सभी को निर्धारित मात्रा में निर्धारित मूल्य पर राशन वितरण कोटेदार से कराएं। भूमि विवादों को चिन्हित कर उन सभी विवादों को पुलिस और राजस्व निरीक्षक की संयुक्त टीम द्वारा निस्तारित कराना। सभी मृतक काश्तकारों के वारिसों का नाम अविवादित मामलों में खतौनी में दर्ज कराकर उन्हें खतौनी उपलब्ध कराना। गरीब वंचित पात्र लोगों को आवासीय पट्टे की भूमि उपलब्ध करना। गांव में कूड़ा प्रबंधन की समुचित व्यवस्था करना। गांव में प्रतिदिन समुचित सफाई के साथ प्रति सप्ताह एक बार सभी नालियों में एंटी लार्वा का छिड़काव और पूरे गांव में और सबके घरों में फागिंग कराना। गर्भवती महिलाओं की काउंसलिंग के लिए डॉक्टर और एएनएम और काउंसलर के माध्यम से उनकी काउंसलिंग कराना। परिवार रजिस्टर में सभी के नाम चढ़ाना। सभी परिवारों को परिवार रजिस्टर की नकल बनाकर उपलब्ध कराना। पात्र लोगों के मनरेगा जॉब कार्ड बनवाना। पैमाइश व बंटवारे व नामांतरण के वाद किसी भी न्यायालय में लंबित हो उनको ससमय निस्तारित कराना। पंचायत भवन को सुव्यवस्थित कर संचालित कराना। सामुदायिक शौचालय को शासनादेश अनुसार उच्च कोटि का संचालन कराना। विकास कार्यों को और आए हुए धन का पूरा विवरण दीवार पर लिखवाना। ग्राम स्तरीय सभी अधिकारियों/कर्मचारियों का नाम, पद नाम, मोबाइल नंबर और गांव में आने का दिन को दीवाल पर लिखवाना। विद्यालय का सर्वांगीण कायाकल्प करना। विद्यालय में बच्चों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराना। प्रतिदिन आधा घंटा संस्कार की शिक्षा बच्चों को देना। गांव वासियों के विद्यालय में सहभागिता बढ़ाना। विद्यालय में 4 से 5 अभिभावकों को प्रतिदिन बुलाना। विद्यालय में दोपहर भोजन के समय बच्चों के साथ गांव के चार पांच लोगों को आमंत्रित कर सहभागिता करना, जिससे वह खाने की गुणवत्ता देख सकें। पंचायत भवन में ग्राम स्तरीय सभी अधिकारियों की नेम प्लेट लगाना और उनके बैठने की व्यवस्था करना। गांव के सभी हैंडपंप जो खराब हो उनको ठीक करा कर चालू करना। गांव के सभी घरों में 20 लीटर या उससे अधिक साइज के कूड़ा दानों की व्यवस्था करना। गांव में सार्वजनिक जमीन पर गांव के कूड़े को व्यवस्थित रूप से डालने और उसको खाद बनाने के लिए गड्ढों की व्यवस्था कराना। गांव की सभी श्रमिकों का श्रम विभाग में पंजीकरण कराना। युवक मंडल दल द्वारा खेलकूद की टीमें तैयार कर खेलकूद को प्रोत्साहन देना। धन की उपलब्धता के आधार पर पूरे गांव की सड़कों का सुदृढ़ीकरण। जल निकासी की व्यवस्था। गांव के शौचालय जो लोगों के बनाए गए हैं उनका सभी उपयोग करें यह सुनिश्चित करना। खुले में शौच से पूरी तरह से मुक्त करना। गाव में अगर कोई आवारा पशु हो तो उनको पकड़ कर गौशाला भेजना। गांव में कॉमन सर्विस सेंटर खुलवा कर उसको प्रभावी बनाना तथा निर्धारित दरों पर गांव वालों को सुविधाएं उपलब्ध कराना। उक्त सभी कार्य करके गांव को आदर्श बनाया जाने हेतु उप जिलाधिकारी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। पूरे जुनून और ताकत के साथ इन गांव को आदर्श बनाकर मॉडल बना दें जिससे अन्य गांव इंनसे प्रेरणा लेकर के अपने गांव में भी सुधार करें। किये गये कार्यो की सूचना प्रतिदिन मेरे व्हाट्सएप पर भी अवगत कराये। एक सप्ताह बाद इस कार्यो की मीटिंग कर कार्यों की समीक्षा गांववार की जाएगी।


गुरुवार, 22 अक्टूबर 2020

इल्लुमिनाटी के बैनर तले अपने काम को अंजाम दे रहा है -GCG गैंग और शाशा गुप्ता - जहीर अहमद ।

   जब आत्मसम्मान और स्वाभिमान नाम की चीज मर जाती है, तब पैदा होता है कोई शाशा गुप्ता ,हमारी तो समझ से परे है यह, एक आदमी पूरी दुनिया में घूम घूम कर केवल और केवल लोगों को लूट रहा है हिंदुस्तान का नाम ले जाकर दुबई में डुबो चुका ,जेल की हवा खा कर वापस लौटा और हमारी सरकार मूकदर्शक बनी हुई इंतजार कर रही है कि कोई एफ आई आर हो तो जेल भेजें अगर किसी के खिलाफ जांच होगी और जांच हुई और दोषी पाया गया, तो जेल हो जाएगी और यही तो हर अपराधी चाहता है,लूट लूट कर छिपाया, जेल गया ,जेल से जमानत लेकर शान से मुकदमा लड़े लेकिन इन सब से निवेशकों का क्या फायदा हुआ? क्या हम समझ लें कि हिंदुस्तान हमारा बेईमानों का देश है ,निवेशक किसी पर भरोसा ना करें, कोई भी वेबसाइट बना ले कोई भी लूटपाट करता रहे उसके खिलाफ अखबारों में छपता रहे, कोई फर्क नहीं पड़ता निवेश करना है तो अपनी जिम्मेदारी पर करो ,कोई खुलेआम अपने अकाउंट में लाखों रुपया ले रहा है, सपने दिखा दे, छोटी बड़ी पूंजी  के लोग सात हजार से सत्तर हजार,एक लाख,पांच लाख,पच्चीस लाख कुछ भी लगाएं और कोई बेईमानी करता रहे सरकार को कोई फर्क नही पड़ता,सरकारी टैक्स की वसूली के लिए जेल जाना पड़ सकता है सरकार का पैसा ना दो तो उसके लिए जेल जाना पड़ सकता है? या तो कमाओ नहीं और कमाने की कोशिश में डूब जाए तो सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं? सरकार का पैसा, पैसा है?हमारा पैसा कोयला है क्या? सरकार को अपनी नीति में बदलाव करने पड़ेंगे नहीं चलेगा ऐसा ,जिंदगी भर ऐसे ही पिछड़ा भारत बना रहेगा ।दुबई ,सिंगापुर, ओमान, में बेईमानी सोचना भी गुनाह है और हमारे यहां? लेकिन ऐसा होगा ,नहीं अब कुछ अलग होगा खासतौर से ऐसे शाशा गुप्ता के मामले में, पाई पाई का हिसाब होगा पहले थाने में पिटोगे या प्रवर्तन निदेशालय के सामने बकोगे ?यह तो वक्त बताएगा ,एक बार फिर साबित होगा कि कानून के हाथ लंबे हैं व्यापार के नाम पर ठगों का गिरोह सक्रियता के साथ लोगों को लूटता रहता है और संपत्ति अर्जित करता है और संपत्ति अर्जित कर  जब वह विदेश भाग जाता है तब खुलती है सरकार की आंख क्या हम आज और अभी भी उतना ही पिछड़े हैं जितना बीस वर्ष पहले थे, अगर नहीं तो फिर ऐसी कंपनियों पर लगाम लगनी चाहिए , माई गल्फ कॉइन, गल्फ क्वाइन गोल्ड,वेलकम टू हेल, हौली डे हर्ट्ज और अब इल्लुमिनाटी गोल्ड यह सब एकही दिमाक की उपज है,और खुद सेफ होकर बैठा है और उसका गैंग अपने काम को एकबार फिर इल्लुमिनाटी के बैनर तले अपने काम को अंजाम दे रहा है।सरकार को संज्ञान में लेते हुए कड़े कदम उठाने चाहिए और विशेष तौर से तब और जब रोज़ किसी एक ही कंपनी और एक ही व्यक्ति के खिलाफ बराबर आवाज़ उठती हो।आज GCG/इल्लु मिनाटी ज्वेल्स के साथ काम कर रहे साथियों कोई सपने मत देखिए ,पिछले कई वर्षो तक गल्फ कॉइन गोल्ड की सफलता की कहानी सुनाने वाले यह लोग झूठे और मक्कार हैं कुछ लोग तो जो जीसीजी में पैसा डूबे हैं वह अपना पैसा निकालने के लिए ही इसे कर रहे हैं मैं गवाह हूँ  मैं जहीर अहमद सबूत हूं मुझसे पूछ सकते हैं मेरे वाट्सएप्प (7408839386)पर जीसीजी के साथ हमारी तबाही की कहानी।


इल्लुमिनाटी /गल्फ क्वाइन गोल्ड से खुद को बचा लो,ये लुटेरी कंपनी है।-अशोक खरवार


  1.  
                जो केवल अपने लिए अपनी अय्याशी के लिए जीवित हो, जिसको अपने  कुकर्मों   पर भी घमंड हो ,जिसकी अपनी कोई मर्यादा ना हो वह इंसान हो सकता है क्या
    ?और किस कानून पर हम नाज करते हैं ? काहे को हम मोदी मोदी जपते हैं?
    सीधे-साधे भोले भाले गरीब लोगों को ऊंचे ऊंचे बड़े-बड़े सपने दिखाना और
    लूट कर दूसरों के धन पर अय्याशी करना,जिसके सहयोगी और साथी भी इंसान के
    रूप में सीधे सीधे हैवानों से भी बदतर हों, एक ऐसा इंसान जो केवल और केवल
    लूट रहा है और हिंदुस्तान ही नहीं विदेश घूम रहा है और सरकार की नजर में
    अभी तक नहीं आया? कैसे मान लूं ?कैसे मान लूँ? कि सरकार को पता
    नहीं?सरकार के पास खुफिया तंत्र है जिसके खिलाफ रोज अखबार में छपता हो और
    सरकार  नहीं पता,नही पता है तो ठीक है , ऐसे लापरवाह सरकार ने अच्छा है
    गुलाम ही रहना  ठीक है ऐसे लोगों के खिलाफ एफ आई आर करने जाओ तो करोड़ों
    का मामला है पैसा बिना पैसे के एफ आई आर होगा नहीं ,और हो भी गया तो
    जमानत मिल ही जाएगी और फिर चलूँ मुकदमा लडूं फिर वही तारीख पर तारीख ।
    भाड़ में जाए ऐसी व्यवस्था, हम गरीब लोग हैं लाचार हैं लाख दो लाख बहुत
    मायने रखता है मुकदमा नहीं लड़ेंगे एफ आई आर भी नहीं कराऊंगा समझ लूंगा
    किसी शाशा गुप्ता नामक ठग ने हमको ठग लिया और हम ठगा गए हमें अपनी
    बददुवावों पर भरोसा है हम सबकी बददुवाएं उस को जीने नहीं देगी अपने पाप
    के तले दब कर मर जाएगा । हमारा परिवार जिस वजह से भूखा रहा ,जिस वजह से
    हमें थाना,चौकी,गाली,बड़े बड़े दुर्दिन देखे तो दुवा थोड़े ही निकलेगी?
    हिंदुस्तान है यहां कानून आंख में पट्टी बांधकर घूमता है ज्यादातर पुलिस
    घुस खोर है फिर भी ज्यादा तर तो न्याय ही होता है। ये लड़ाई भी देखने
    लायक होगी इसमें कोई दो राय नहीं कि शाशा गुप्ता गिरफ्तार पहले होगा और
    एफ आई आर बाद में होगा । एम एल एम जैसे पवित्र व्यवस्था को गंदा करने
    वाला घटिया इंसान ज्यादा दिन एम एल एम में नहीं चलेगा । जो चंडीगढ़ से
    बैठे-बैठे पूरे देश के लोगों को लूटा हो,पहले एम जी सी फिर जी सी जी फिर
    हॉलिडे हर्ट्ज वेलकम टू हेल  और अब इलुमिनाटी के बहाने लूट रहा है ऐसा
    ऐसा घटिया आदमी  (शाशा) जिसने केवल और केवल लूट हो, शाशा ने  जिस मंच पर
    चढ़कर मां सरस्वती और मां लक्ष्मी का दुरुपयोग किया है ना उसको महामहिम
    शनि महाराज की कु दृस्टि  ही जेल पहुंचाएगी ।बहुत माला और ताली पाई है
    उसने मंच पर अब मंच पर आए, माला तो अभी भी मिलेगा लेकिन चप्पल की ताली तो
    अभी भी उसको मिलेगी लेकिन गाली के साथ। उसके ऐसे स्वागत के लिए हम हमेशा
    तैयार रहेंगे। हम सब अहिंसा के पुजारी है कानून के पालन कर्ता हैं एक
    सभ्य इंसान है इसलिए उस असभ्य का स्वागत हम पूरी सभ्यता से करने को तैयार
    रहेगें ।हम नही कराएंगे एफ आई आर  इसी बहाने हैम अपनी सरकार को भी
    देखेगें ,कानून को भी देखेगे कि उसके कितने लंबे हांथ है।हम सरकार से
    निवेदन करेंगे शाशा गुप्ता का नया लूट प्रोग्राम इल्लुमिनाटी रोको इसकी
    जांच करो ये एकबार फिर लूटेगी।इल्लुमिनाटी के नेटवर्करों से निवेदन मत
    फसों इसके जाल में ये लुटेरा है लूट कर भाग जाएगा। ये जितना कहेगा कुछ
    नही करेगा ये झूठा ही नही गंदा आदमी है ,इससे अपने आप को बचा लो।अगर आप
    इल्लुमिनाटी आज कर रहे हो उसमें जिस गल्फ क्वायन गोल्ड के सफलता की कहानी
    आपको सुनाई जाती है वो सब झूठ है हम से संपर्क करें हैम बतायेगे इसकी
    असलियत।मेरा मोबाइल नंबर(9198443728) नोट करें, फ़ोन करें वाट्सएप्प करें
    हम बतायेगे इनकी असलियत आपके पास समय है अपने आप को बचालें।इल्लुमिनाटी
    करने वालों भगवान आप की रच्छा करें।


रविवार, 20 सितंबर 2020

GCG निवेशकों का सवाल शाशा गुप्ता से?पहले थाने में पिटोगे या पहले प्रवर्तन निदेशालय में सब कबूलोगे ?

निवेशकों का दर्द समझते हुए और सारे सबूत कंपनी के खिलाफ देखते हुए जब बी बी सी इंडिया न्यूज़24 डॉट कॉम ने कंपनी का कच्चा चिट्ठा सिलसिलेवार खोलना शुरू किया तो गल्फ क्वाइन गोल्ड का मालिक और उसके गुर्गे पहले तो अपनी वेबसाइट बंद कर दियाऔर सोचा मामला हल हो गया परंतु जब बीबीसी इंडिया न्यूज़ 24 डॉट कॉम चार कदम और आगे बढ़ते हुए कंपनी के मालिक की फोटो और उसके कुछ गुर्गों के नाम भी प्रकाशित कर दिया तो कंपनी का मालिक और उसके गुर्गे अपनी औकात में आ गए और पलटवार की धमकी देने लगे उनको शायद पता नहीं ये मोदी सरकार है अब तक की सरकारों में और मोदी सरकार में यही अंतर है कि पहले सत्य परेशान होता था और खो जाता था क्योंकि विजय की नौबत ही नहीं आती थी पहले ताम झाम दिखावा और प्रभुत्व व पैसे की दुनियां थी जिसमें आए दिन सत्य परेशान भी होता था और कभी कभी तो अनहोनी भी होती थी और सत्य पराजित भी हो जाता था। तब की व्यवस्था में लोग बिकने को तैयार बैठे रहते और खरीदने वाले अपने मुताबिक उनकी कीमत लगाया करते थे। पर अब सत्य ना ही परेशान होता है ना पराजित।अब वो दिन आ गया है जब ,संदिग्धों को सरकारी मशीनरी उठा लेती है और स्वयं मुकदमा भी करती है और सजा भी स्वयं ही दिला देती है।अति शीघ्र ही गल्फ क्वाइन गोल्ड के मालिक और उनके गुर्गे इस सच्चाई का अनुभव करेंगे। निवेशकों पर धमकी भारी पड़ेगी।किसी की आर्थिक दुनियां उजाड़ कर अय्याशी करने वालों पाई पाई का हिसाब होगा, निवेशकों को जितना मानसिक तनाव तुमने दिया है उसका हिसाब तुम्हारी जेल यात्रा से ही निवेशक लेना शुरू कर देंगे। नाम ही नहीं एक एक की कारस्तानी ,बैंक अकाउंट, ट्रांजेक्शन्स, फ़ोटो,और भी बहुत कुछ प्रकाशित होने वाला है।और हां केवल प्रकाशित ही नही हो रहा है बल्की सत्य को समर्पित कानून के रच्छकों ने देखना भी शुरू कर दिया है।हां गल्फ क्वाइन गोल्ड का मास्टर माइंड शाशा गुप्ता और उसके गुर्गे, निवेशकों के सामने अक्सर चिल्लाते थे कि मल्टी लेबल मार्केटिंग की दुनियां और क्रिप्टो करेंसी की दुनियां में गल्फ क्वाइन गोल्ड एक इतिहास रचेगी और एक अलग मुकाम बनाएगी। तो एक निवेशक ने बहोत अच्छा लिखा है #हाँ कंपनी अपना इतिहास भी रच चुकी है और अतिशीघ्र ही अपना एक अनोखा मुकाम भी हासिल करेगी ही करेगी। गल्फ क्वाइन गोल्ड पहली कंपनी है जिसने कभी कोई वादा पूरा नही किया केवल लोगों के से पैसा लिया और एक ₹ कभी भी वापस नही किया और अपनी
वेबसाइट के बल पर तीन चार साल लूटा ।निवेशकों के पैसों का केवल और केवल अय्याशी किया हिंदुस्तान में भी और हिंदुस्तान के बाहर भी।ये तो है कंपनी का इतिहास और अब बताते है कंपनी का मुकाम।एम एल एम (मल्टी लेबल मार्केटिंग)और क्रिप्टो करेंसी के दुनियां की, माई गल्फ क्वायन गोल्ड शायद पहली कम्पनी होगी जिसका मालिक और उसके गुर्गे गिरफ्तार पहले होंगे
और एफ0आई0आर0 बाद में होगा बी बी सी इंडिया न्यूज ट्वेंटी फोर डाट कॉम के पास कंपनी और उनके गुर्गों के खिलाफ सारे सबूत और जनबल है इतना ही नहीं कंपनी के निवेशक bbcindianews24.com और हकीकत एक्सप्रेस की टीम का
एक हिस्सा भी बन चुके हैं।

निवेशकों का सवाल शाशा गुप्ता से?


पहले थाने में पिटोगे या पहले प्रवर्तन निदेशालय में सब कबूलोगे?


शाशा गुप्ता लुटेरा होते हुए भी अहंकार में इतना डूबा है कि उसको लगता है कि पूरी मशीनरी बिकाऊ है?तो चलो फटाफट प्रवर्तन निदेशालय में कोई जुगाड़ हो तो वहाँ लगाना शुरू कर दो, सुना है तुम्हारे पास खरीदने का बहोत तरीका है । पैसा,,,,होटल,,,,ल,,,,शायद  कुछ काम आ जाय या शायद इसी बहाने तुम्हे पता चल जाय कि हिंदुस्तान और उसका कानून कितना बदल चुका है।निवेशकों के सपनों को धूल धूसरित कर मजाक उड़ाने  वालों दम है तो एक नोटिस भेज कर देखो वो होगा जो तुम लोगों ने सपने में भी नही सोचा होगा।तैयार हो जाओ बारी बारी से अपनी तस्वीर के साथ अपनी काली करतूत का चिट्ठा पढ़ने और देखने को शुरुआत यहीं से करता हूँ।नाम-अनुराग कोंनहेर,पुत्र-विलास कोंनहेर ,उम्र-35 वर्ष,पता-कोंनहेर गार्डन, नेहरू चौक,विलासपुर।पिन-495001 , इसका परिचय शाशा का गुर्गा। बैंक-यस बैंक,a/c- 004763400000222- IFSC-YESB0000047- (25-07-2017 के बाद से इस अकाउंट की जांच होगी तो टर्न ओवर से सब पता चल जाएगा,वैसे ये एक शातिर आदमी है,इसके और भी अकाउंट है ज्यादातर ये अपनी  पत्नी का अकाउंट ही उपयोग करता है,सम्पूर्ण डिटेल उपलब्ध है) ।।


गुरुवार, 3 सितंबर 2020

मल्टी लेवल मार्केटिंग (एम एल एम) को बदनाम करता गुलफ्कोइन गोल्ड (जी सी ज

कुछ वर्ष पहले माय गल्फ कॉइन जो कि अब जी सी जी गल्फ कॉइन गोल्ड है का प्लान देख आकर्षित हो कर तमाम निवेशकों ने अपनी मेहनत की कमाई निवेश किया था।कंपनी ने अपने प्लान के मुताबिक कई चरणों मे निवेशकों को लुभावने सपने
दिखाती रही।सर्व प्रथम क्रिप्टो करेंसी के रूप में एम जी सी लोगों के निवेश के बदले बेचती रही और सब्जबाग दिखाती रही कि आज जो कॉइन कम्पनी आपको तीन में बेच रही आने वाले कुछ दिनों में कम्पनी उसी कॉइन को कंपनी पुनः दस बीस, पचास, सौ में खरीदेगी। कम्पनी अपने इको सिस्टम द्वारा एक बड़ा बाजार क्रिएट करेगी जिससे आप खुद अपने कॉइन का भाव तय करेंगे,और सपोर्ट स्टोरी के रूप में कंपनी के लीडर निवेशकों को बिटकॉइन की स्टोरी सुनाते रहे कि कैसे कुछ ही वर्ष पहले पचास पैसे का बिटकॉइन लाखों में चला गया। बाज़ार मेंजी सी जी  बिकता रहा और लीडर ऐश करते रहे।खैर महीनों बीत गया ना ही कॉइन का दाम बढ़ा ना ही कंपनी किसी एक्सचेंज पर रजिस्टर्ड हुई फिर कंपनी को किसी तरह नोवा एक्सचेंज का सहारा मिला परंतु बहुत कम समय मे ही नोवा बंद हो गया और एम जी सी अनाथ हो गया।अब फिर कंपनी ने अपने निवेशकों के सामने एक बिग प्लान को अंजाम दिया और लीडरों को समझाया कि कंपनी एक वर्ल्ड लेवल का मयूजिकल शो वेलकम टू हेल (नर्क में स्वागत है)ऑर्गनाइज़ कर रही है जहां टिकट से लेकर खान पान की हर खरीद में एम जी सी का उपयोग होगा और एम जी सी का भाव दस जाना निश्चित है। शो का जबरदस्त प्रोमो लांच कर निवेशकों को खूब लालच देकर बड़ा निवेश कराया गया।नतीजतन शो तो हुआ पर एम जी सी जैसा का तैसा रहा और कंपनी अबनिवेशकों की  बद दुवाओं के साथ नर्क की ओर अग्रसर हो गई।


 लूट खसोट का धंधा बना है जी सी जी
एम जी सी की साख दागदार होने के बाद कंपनी ने अपना प्लान और चरण (फ़ेज़)बदलते हुए और एम जी सी को आकर्षण देते हुए जनमानस में छा जाने की चाहत लिए कंपनी ने जारी किया एम जी सी का एक मोबाइल एप्प  और कहा सभी लोग अपना कॉइन ऍप पर ट्रांसफर करें और रयूमर ये उड़ाया गया कि वेबसाइट बंद होगी, और सबने किया भी वही  कुछ ही दिनों बाद एक मैसेज प्रसारित होता है कि चौबीस घंटे के अंदर अपना कॉइन ऍप से हटालें लाख कोशिश के  बावजूद बहुतो के कॉइन ट्रांसफर नही हो पाए एप्प करप्ट हुआ लोगों के कॉइन गायब हुए।और कंपनी ने ब्लॉकचैन का हवाला देकर शांत करने की कोशिश की परंतु निवेशक ठगे तो थे लेकिन चुप रहे। कंपनी अपने क्रिया कलापों से दागदार होती जा रही थी।पुनः कंपनी ने शायद सोची समझी साजिश के तहत एम जी सी को बदलकर जी सी जी का निर्माण किया और तीन एम जी सी बराबर एक जी सी जी बनाकर वजन दार और बेदाग कॉइन निवेशकों के सामने प्रस्तुतकिया।और फिर जी सी जी का भी ऍप और वही पुराना ड्रामा जी सी जी का भी ऍप वैसे ही करप्ट हुआ और निवेशक का कॉइन फिर लुटा ।इस बार निवेशकों के कॉइन बड़े पैमाने पर डूबे, निवेशकों को समझ आ गया कि कंपनी को अपना कॉइन लेना है वोकिसी न किसी बहाने ले लेगी और साइट खुला रख कर ईमानदार भी बनी रहेगी। और हुआ भी वही,कॉइन लुटा,एप्प बंद हुए,साइट अब भी खुली है और कंपनी अपनेतीन चार,साल सफलता का कीर्तन अलाप रही है।अब कम्पनी ने अपने आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का हवाला देते हुए सम्पूर्ण आफिस दुबई ट्रांसफर कर भारतीय निवेशकों को समझाया कि जी सी जी पर भारतीय कानून लागू नही होता ।लेकिन शर्तेंनिजताजिस कंपनी के खैर ख्वाह भ्रस्ट हो वो सफल नही हो सकता, एक कहावत है जैसी नियत वैसी बरक्कत फिर कंपनी ने दुबई का ताम झाम फैलाकर अपने लीडरों द्वारा न्यू फ़ेज़ लांच के तहत नए निवेशकों को अपना दो वर्ष पुराना हवाला देकर वही सड़ा गला वर्चुवल कॉइन, नए निवेशकों को बर गलाकर,झूठी झूठी स्टोरी सुनाकर, पुराने निवेशकों को अपना कॉइन बचाकर रखने की सलाह देते हुए ,उन्ही के द्वारा लाये गए नए निवेशकों या सछम निवेशकों को अपना कॉइन पांच  से लेकर पचास  तक बेचते रहे और कहानी सुनाते रहे और निवेशकों को लूटते रहे। कभी खुद का एक्सचेंज क्रिप्टोबुल लांच कर कभी क्रिप्टो करेंसी का बैंक लांच होनेवाली है कि स्टोरी सुनाकर तो कभी सी बी एक्स लांच कर ,नकली बिटकॉइन देकर कंपनी लोगों को लूटती रही।कम्पनी द्वारा संचालित लीडरों का रैकेट लोगों को लूटता रहा और अपनी जेब भरता रहा।कंपनी अपने ही कुछ चहेतों में रिवॉर्ड अवार्ड बॉट कर ताली बजाती रही और अपने सेअपना पीठ थप थपाती रही।कंपनी दागदार होती गई और निवेशकों की बद दुआओं नेकंपनी को उसकी औकात पर ला खड़ा किया ।खासियत ये रही कि कम्पनी का क्रियेटर शाशा गुप्ता खुद को परदे के पीछे रखता और लोगों के सहारे अपना खेल खेलता रहा।सच का तो पता नही पर इतना जरूर था कि निवेशकों में शाशा गुप्ता की छवि अच्छी बानी रही। जब कम्पनी एम जी सी, जी सी जी, वेलकम टू हेल, क्रिप्टोबुल, जी सी जी , और दुबई का का तामझाम सब खेल चुकी तो मिस्टर शाशा गुप्ता निवेशकों के सामने प्रस्तुत होकर कहते है इस कॉइन को मैं साबित करूँगा की ये एक ऐसेट है आप मुझे दो मेरा कॉइन और मुझसे ही लो हर माह एक प्रतिशत और पुनः जी सी जी एक्सचेंजर के माध्यम से लोगों के बचे खुचे कॉइन कंपनी ने हड़प  लिए। शाशा ने स्वयं अपनी ज़बान से वादा कर पूरा नही किया तो निवेशकों का मोह अब कॉइन,कंपनी, और शाशा तीनो से ही उठ चुका था।


      दुबई से तड़ीपार हुआ जी सी जी 
 सूत्र बताते हैं कम्पनी ओनर शाशा गुप्ता सम्पूर्ण रूप से एम एल एम को समर्पित लीडर है और कई वर्षों से उसकी ऊँची सोच और ऊंची उड़ान की आदत ने उसे भारत से दुबई ही नही और भी कई देशों में पहुचा दिया था ,परंतु जिस तरह हर इंसान में कुछ ना कुछ खामियां और कमजोरियां होती है उसी तरह उसमे भी  आदमी ने पहचान पाने की कमी और बिना पंख आसमान में उड़नेकी आदत ने,बुलंदी पर पहुच कर भी तबाही के कगार पर ला खड़ा किया। धोखेबाज और स्वार्थी तथा गद्दार टीम ने सक्सेस तो दूर दुबई की जेल जाने की नौबत पैदाकर दिया।एक प्रतिशत लोगों को देने को कौन कहे दुबई से भाग कर पुनः भारतमे जीना मजबूरी हो गई।और एक बार फिर कंपनी अपने चंडीगढ़ आफिस में अपनी औकात में खड़ी हो गई। कम्पनी ने भारत में क्रिप्टो करेंसी में प्रतिबंध लग्जाने पर अपना आखिरी दांव होलीडे हर्ट्ज (रियल स्टेट)में खेला लेकिन वहां भी कम्पनी का ग्रह नछत्र खराब ही रहा,वहां भी निवेशकों को भारी नुकसान ही उठाना पड़ा।


 इल्युमिनाटी से दूर होगी दरिद्रता


जी सी जी की तलाश स्वर्णिम भविष्य की ।


एम जी सी/ जी सी जी वैल्कम टू हेल, क्रिप्टोबुल, सी बी एक्स, गल्फ कॉइन एक्सचेंजर, होलीडे हर्ट्ज, जैसे तमाम कोशिशों के बावजूद अपने कॉइन का न तो भाव बढ़ा पाई और ना ही किसी एक्सचेंज पर अपने आपको स्थापित कर पाई।जानकारी के मुताबिक़ कम्पनी अपने आप को पुनःभारतीय बाज़ार में ही स्थापित करने की कोशिश मेंअपने नए प्लान को इल्युमिनाटी ज्वेलर्स के साथटॉय अप करके मल्टी लेबल मार्केटिंग के भारतीय बाज़ार में इतिहास रचने कोआतुर है कंपनी के पास अपना तीन चार वर्षों का इतिहास है कम्पनी के पास अपने तीन चार साल पुराने निवेशक है।


 पुराने निवेशक भी वसूली की तैयारी में।-


 कोई भी एम एल एम  का व्यापार सशक्त एडमिन और निशचिंत निवेशकों व मेहनती लीडरों के बल पर ही चलती है जी सी जी भी अपने इसी टाइटिल के साथ चार वर्षों से तिकी है तो इसमें कोई दो राय नही की एम एल एम की दुनियां में तो ब्रांड बन ही चुका है ,अब अगर सशक्त और ईमानदार एडमिन की बात करें तो गल्फ कॉइन गोल्ड वो चाँद है जिस पर एडमिन से लीडर तक कोई ईमानदार नही रहा है।एक बात दावे के साथ कही जा सकती है कि कम्पनी ने कभी भी अपना कोई भी वादा नहीं पूरा किया। कम्पनी ने निवेशकों से पैसे लेकर जितने बहानों से कॉइन वापस लेकर हड़प करने की कम्पनी के उस ड्रामे की सत्यकथा जिसने कंपनी को चोर ही नही डकैत भी साबित किया है।कम्पनी के पास बिज़नेस लेकर  आई डी सेटिंग का भी इतिहास है जो एम एल एम में घिनौना और नफरत की निगाह देखा जाता है ।जबकी कम्पनी के लीडर  खुल कर कहते हैं कि कंपनी व्यापार करने आई है लीडर का मोह देखने नही।जो लीडर कम्पनी को बिज़नेस नही दे सकता कम्पनी के पास उसका क्या काम ?यानी लीडर जबत बिज़नेस देता रहे तब तक कंपनी चहेते ? बिज़नेस बंद लीडर आउट ।बड़ा बिज़नेस देकर छोटे लीडर की आई डी भी ब्लॉक कराई जा सकती है।कम्पनी के नियर और डियर लीडरों की इज्जत मार्केट में उस मुजरा करती हुई उस तवायफ जैसी है जो के केवल जिधर नोट देखती है उधर पैसा देने वालों को अपने घूँघट में ढक लेती है।इसी कारण कुछ
तो कम्पनी छोड़ कर ही हट गए।कम्पनी के पास अपने तीन साल के सड़े गले और बदबूदार इतिहास के सिवा कुछ नही है।कम्पनी ने अपने पुराने निवेशकों से पैसे तो लिए लेकिन बदले में कुछ नही दिया तवज्जो और तरजीह भी नहीं और इस नए प्लान में भी पुराने निवेशकों के लिए न कंपनी के पास कोई प्लान है और ना ही कोई वादा।कंपनी के वो पुराने कुछ लीडर जो साथ है उन्हें पुराने निवेशक पसंद नही करते ।कुछ नए चेहरों को पटाकर ज़ूम मीटिंग के माध्यम से मंच बनाया है परंतु वो नए चेहरे जिस जी सी जी का पहाड़ा पढ़ रहे हैं वो महा झूठ है ।यदि कम्पनी ने अपने पुराने निवेशकों को विश्वास में नही लिया तो वो दिन दूर नहीँ जब भारत मे भी कंपनी को कानूनी झंझटों का सामना करना पड़ेगा।और शायद उसका एक मात्र रास्ता है कि कंपनी ओनर शाशा गुप्ता अपने पुराने निवेशकों के साथ वार्ता कर कोई हल निकालें अन्यथा  जी सी जी  का गंदा इतिहास उसे जहन्नुम तो ले ही जाएगा।
                                           



   


रविवार, 2 अगस्त 2020

सदर तहसील के सब रजिस्टार अनिल कुमार लाल की मदद से हुई फर्जी वसीयत , मामला कोर्ट में लंबित

जौनपुर ,आज भ्रष्टाचार अपना पैर इस कदर पसार चुका है कि जमीन पर पैर रखते हैं हर सीधा-साधा इंसान भयभीत रहता है कि कहीं हमारा पैर भ्रष्टाचार की दलदल में न फंस जाए क्योंकि आज दुनिया से भरोसा और विश्वास नाम की चीज पूरी तरह से नदारद होती महसूस हो रही है आज बेगानों की तो कोई बात ही नहीं है अपने भी भरोसे के काबिल नहीं है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण है इस प्रकरण में दिखाई दे रहा है प्राप्त सूचना के अनुसार जनपद जौनपुर के थाना सराय ख्वाजा अंतर्गत ग्राम जमुहाई के निवासी शेर बहादुर यादव पुत्र रामकिशोर यादव द्वारा अपने चाचा स्वर्गीय राम निहोर की सारी अचल संपत्ति का फर्जीवाड़ा कर वसीयत कराने का मामला प्रकाश में आया है बताते हैं कि स्वर्गीय राम निहोर की पुत्री उर्मिला देवी स्वर्गीय राम निहोर शेर बहादुर यादव को एकदम पसंद नहीं करते थे फिर भी अपनी सारी चल अचल संपत्ति को अपनी पुत्री उर्मिला देवी से बिना बताए वह भी ऐसी स्थिति में वसीयत किए थे जिस दिन उनके ही परिवार में एक लड़की की शादी थी और स्वर्गीय राम निहोर , शेर बहादुर यादव भी पूरे दिन शादी के कार्यक्रम में लगे रहे इस फर्जीवाड़े में तहसील सदर के सब रजिस्टार अनिल कुमार लाल की पोल खोल रही है जिसमें उर्मिला देवी ने वसीयत को तरमीन होने से रोकने के लिए तहसील सदर में आपत्ति दर्ज कराई है तथा वसीयत को निरस्त करने के लिए सिविल कोर्ट जौनपुर में दाखिल किया है तथा फर्जीवाड़े पर कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक जौनपुर आवेदन पत्र दिया है आवेदन पत्र की एक एक शब्द प्रकाशित है


सेवा में श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय


जनपद जौनपुर


विषय- प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता की संपत्ति हड़प करने की नियत से चचेरे भाई शेर बहादुर पुत्र रामकिशोर यादव ग्राम जमुहाई थाना सरायख्वाजा परगना हवेली तहसील सदर जिला जौनपुर द्वारा फर्जी तरीके से प्रार्थिनी के पिता से कराई गई वसीयत की शिकायत के संबंध में !


 महोदय ,


प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता दो भाई थे रामकिशोर एवं राम निहोर रामकिशोर के तीन लड़के शेर बहादुर वीर बहादुर एवं तेज बहादुर और प्रार्थिनी अपने पिता स्वर्गीय राम निहोर की इकलौती संतान है महोदय आपको सादर अवगत कराना है कि शेर बहादुर यादव अपने क्षेत्र में श्री 420 के नाम से चर्चित है क्योंकि यह एक ऐसा व्यक्ति है जो शायद ही कोई रिश्तेदार यार दोस्त नहीं होगा जिसे शेर बहादुर यादव ने अपनी मुसीबत बता कर चिकनी चुपड़ी बातों से गुमराह कर 10 दिन 20 दिन के लिए पैसा उधार लिया और आज तक फिर उस रिश्तेदार के घर अपना मुंह दिखाने कभी नहीं किया शेर बहादुर यादव दिन रात सिर्फ सीधे-साधे लोगों को गुमराह कर ठगने की नए नए तकनीक खोजते रहते हैं यह कारनामा व गांव में भी कई गरीब लोगों के साथ कर चुका है कभी नौकरी के नाम पर ,कभी किसी काम के लिए ,कभी किसी काम के लिए, जिससे काम ना होने पर गांव के लोग घर पर आने लगे शेर बहादुर के इस कारनामे से प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता गुस्सा हुआ करते थे क्योंकि कई लोगों का उलाहना सुनकर पूरा परिवार शर्मसार होता था शेर बहादुर के इस कृत्य से प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता और शेर बहादुर में हरदम 36 का आंकड़ा बना रहता था प्रार्थिनी के पास कोई सगा भाई नहीं था इसीलिए प्रार्थिनी शेर बहादुर व उनके भाइयों को ही अपना सगा भाई मानती थी ! प्रार्थिनी ने कई बार किसी के ना रहने पर अपने पिता स्वर्गीय राम निहोर से अपनी सारी संपत्ति को अपने जीते जी शेर बहादुर व उनके भाइयों को देने की बात कह चुकी थी जिसके जवाब में प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता ने जवाब दिया था कि शेर बहादुर एक धोखेबाज आदमी है तुम उसके बारे में नहीं जानती अगर तुम्हारे कहने से मैंने शेर बहादुर के नाम अपनी सारी जायदाद वसीयत कर दिया तो जायदाद के चक्कर में मेरी जान ले लेगा  मैं चाहता हूं   तुम्हारी मां के साथ हम तीनों रजिस्टर ऑफिस में चलें और इस तरह लिखा पढ़ी करे  की  मेरे मरने के बाद सारी चल अचल संपत्ति हमारी पत्नी के नाम हो जाए तथा पत्नी के जीते जी सारी संपत्ति पत्नी के नाम रहेगी तथा मरने के बाद सारी संपत्ति पुत्री उर्मिला देवी के नाम हो जाएगी प्रार्थिनी ने जब अपने पिताजी को यह कहकर समझाने लगी की पिताजी हमारे पास तो भाई नहीं है शेर बहादुर आदि ही हमारे भाई हैं प्रार्थिनी की इस बात पर प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिताजी जो बात कही थी प्रार्थिनी उसी बात को सोच सोच कर रोती है उन्होंने कहा था बिटिया अगर हमने किसी तरह तुम्हारे कहने से शेर बहादुर को वसीयत कर दिया यह तुम जान लो कि मेरे मरने के बाद जमीन की तरमीन जैसे ही करवाएगा तुम्हारी मां को लात से मारेगा क्योंकि मैं शेर बहादुर और उसके भाइयों को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं इसीलिए मैं शेर बहादुर को जमीन देने के पक्ष में कभी नहीं रहूंगा महोदय इतनी दूर की सोच रखने वाले प्रार्थिनी  के पिताजी अपनी सारी चल अचल संपत्ति शेर बहादुर को वसीयत कर दे जिसको कभी फूटी आंख से भी देखना पसंद नहीं करते थे फिर शेर बहादुर ने यह वसीयत जिस समय में करवाया था खानदान में एक लड़की की शादी मे पूरे खानदान की छोटे से लेकर बड़े तक सब लोग सुबह शादी वाले कार्यक्रम में लगे थे जिसमें प्रार्थिनी  के पिता तथा वसीयत कराने वाले शेर बहादुर का पूरा परिवार था आखिर एक आदमी एक समय पर 2 स्थान पर कैसे रह सकता है ? इतना ही नहीं वसीयत की गवाही करने वाले गवाहों को बुलाकर पूछताछ कर ली जाए तो मामला एकदम स्पष्ट हो जाएगा ऐसे ही तमाम प्रकरण को देखने से यह साबित होता है कि वसीयत फर्जी है जिसमें रजिस्ट्रार के रूप में हस्ताक्षर करने वाले श्रीमान अनिल कुमार लाल जी का पूरा सहयोग है, यदि पूरे प्रकरण को संज्ञान में लिया जाए यह एक संगीन अपराध की श्रेणी में आएगा जिसकी जांच नितांत आवश्यक है शेर बहादुर द्वारा चोरी से कराई गई वसीयत की जानकारी प्रार्थिनी को होते ही प्रार्थिनी ने तत्काल तरमीन पर आपत्ति लगाई तथा माननीय न्यायालय सिविल कोर्ट जौनपुर में वसीयत निरस्ती हेतु प्रार्थिनी द्वारा तहसील सदर व दिवानी मे मुकदमा लम्बीत है  जब तक फैसला नहीं होता है तब तक शेर बहादुर आदि को खेत जोतने , बोने से मना किया जाए महोदय से सादर अनुरोध है कि वसीयत कराने वाले शेर बहादुर आदि दोनों गवाह सभाजीत यादव पुत्र स्वर्गीय ललई यादव ग्राम खमपुर थाना बक्सा जिला जौनपुर तथा संजय कुमार सिंह पुत्र राम प्रसाद सिंह ग्राम लेधुआ पोस्ट रीठी थाना सिकरारा जिला जौनपुर की पूरी तरह से सहभागिता निभाने वाले सब रजिस्टार अनिल कुमार लाल पर मुकदमा पंजीकृत कर जांच उपरांत कार्रवाई करने की कृपा करें ताकि प्रार्थिनी के साथ किए गए फर्जीवाड़े का खुलासा हो सके तथा फर्जी करने वाले दोषियों को दंड मिल सके प्रार्थिनी महोदय की सदैव आभारी रहेगी!


                                                                                                                                                                                                                                                                       प्रार्थिनी


                                                                                 उर्मिला देवी पुत्री स्वर्गी राम निहोर


                                                                                 ग्राम जमुहाई परगना हवेली तहसील


                                                                                             सदर जिला जौनपुर      


                                                                            Mo-7052145007


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