जो केवल अपने लिए अपनी अय्याशी के लिए जीवित हो, जिसको अपने कुकर्मों पर भी घमंड हो ,जिसकी अपनी कोई मर्यादा ना हो वह इंसान हो सकता है क्या
?और किस कानून पर हम नाज करते हैं ? काहे को हम मोदी मोदी जपते हैं?
सीधे-साधे भोले भाले गरीब लोगों को ऊंचे ऊंचे बड़े-बड़े सपने दिखाना और
लूट कर दूसरों के धन पर अय्याशी करना,जिसके सहयोगी और साथी भी इंसान के
रूप में सीधे सीधे हैवानों से भी बदतर हों, एक ऐसा इंसान जो केवल और केवल
लूट रहा है और हिंदुस्तान ही नहीं विदेश घूम रहा है और सरकार की नजर में
अभी तक नहीं आया? कैसे मान लूं ?कैसे मान लूँ? कि सरकार को पता
नहीं?सरकार के पास खुफिया तंत्र है जिसके खिलाफ रोज अखबार में छपता हो और
सरकार नहीं पता,नही पता है तो ठीक है , ऐसे लापरवाह सरकार ने अच्छा है
गुलाम ही रहना ठीक है ऐसे लोगों के खिलाफ एफ आई आर करने जाओ तो करोड़ों
का मामला है पैसा बिना पैसे के एफ आई आर होगा नहीं ,और हो भी गया तो
जमानत मिल ही जाएगी और फिर चलूँ मुकदमा लडूं फिर वही तारीख पर तारीख ।
भाड़ में जाए ऐसी व्यवस्था, हम गरीब लोग हैं लाचार हैं लाख दो लाख बहुत
मायने रखता है मुकदमा नहीं लड़ेंगे एफ आई आर भी नहीं कराऊंगा समझ लूंगा
किसी शाशा गुप्ता नामक ठग ने हमको ठग लिया और हम ठगा गए हमें अपनी
बददुवावों पर भरोसा है हम सबकी बददुवाएं उस को जीने नहीं देगी अपने पाप
के तले दब कर मर जाएगा । हमारा परिवार जिस वजह से भूखा रहा ,जिस वजह से
हमें थाना,चौकी,गाली,बड़े बड़े दुर्दिन देखे तो दुवा थोड़े ही निकलेगी?
हिंदुस्तान है यहां कानून आंख में पट्टी बांधकर घूमता है ज्यादातर पुलिस
घुस खोर है फिर भी ज्यादा तर तो न्याय ही होता है। ये लड़ाई भी देखने
लायक होगी इसमें कोई दो राय नहीं कि शाशा गुप्ता गिरफ्तार पहले होगा और
एफ आई आर बाद में होगा । एम एल एम जैसे पवित्र व्यवस्था को गंदा करने
वाला घटिया इंसान ज्यादा दिन एम एल एम में नहीं चलेगा । जो चंडीगढ़ से
बैठे-बैठे पूरे देश के लोगों को लूटा हो,पहले एम जी सी फिर जी सी जी फिर
हॉलिडे हर्ट्ज वेलकम टू हेल और अब इलुमिनाटी के बहाने लूट रहा है ऐसा
ऐसा घटिया आदमी (शाशा) जिसने केवल और केवल लूट हो, शाशा ने जिस मंच पर
चढ़कर मां सरस्वती और मां लक्ष्मी का दुरुपयोग किया है ना उसको महामहिम
शनि महाराज की कु दृस्टि ही जेल पहुंचाएगी ।बहुत माला और ताली पाई है
उसने मंच पर अब मंच पर आए, माला तो अभी भी मिलेगा लेकिन चप्पल की ताली तो
अभी भी उसको मिलेगी लेकिन गाली के साथ। उसके ऐसे स्वागत के लिए हम हमेशा
तैयार रहेंगे। हम सब अहिंसा के पुजारी है कानून के पालन कर्ता हैं एक
सभ्य इंसान है इसलिए उस असभ्य का स्वागत हम पूरी सभ्यता से करने को तैयार
रहेगें ।हम नही कराएंगे एफ आई आर इसी बहाने हैम अपनी सरकार को भी
देखेगें ,कानून को भी देखेगे कि उसके कितने लंबे हांथ है।हम सरकार से
निवेदन करेंगे शाशा गुप्ता का नया लूट प्रोग्राम इल्लुमिनाटी रोको इसकी
जांच करो ये एकबार फिर लूटेगी।इल्लुमिनाटी के नेटवर्करों से निवेदन मत
फसों इसके जाल में ये लुटेरा है लूट कर भाग जाएगा। ये जितना कहेगा कुछ
नही करेगा ये झूठा ही नही गंदा आदमी है ,इससे अपने आप को बचा लो।अगर आप
इल्लुमिनाटी आज कर रहे हो उसमें जिस गल्फ क्वायन गोल्ड के सफलता की कहानी
आपको सुनाई जाती है वो सब झूठ है हम से संपर्क करें हैम बतायेगे इसकी
असलियत।मेरा मोबाइल नंबर(9198443728) नोट करें, फ़ोन करें वाट्सएप्प करें
हम बतायेगे इनकी असलियत आपके पास समय है अपने आप को बचालें।इल्लुमिनाटी
करने वालों भगवान आप की रच्छा करें।
हकीकत एक्सप्रेस हिंदी दैनिक समाचार भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त समाचार पत्र है। जिसमे सामान्य खबरो के साथ साथ अपराधिक खबरे, खोजी खबरे, गाव गिरांव की खबरे, समाज मे घटित हो रही नित नई खबरो को संकलित कर प्रकाशित करने का कार्य हकीकत एक्सप्रेस के माध्यम से किया जाता है।
गुरुवार, 22 अक्टूबर 2020
इल्लुमिनाटी /गल्फ क्वाइन गोल्ड से खुद को बचा लो,ये लुटेरी कंपनी है।-अशोक खरवार
रविवार, 20 सितंबर 2020
GCG निवेशकों का सवाल शाशा गुप्ता से?पहले थाने में पिटोगे या पहले प्रवर्तन निदेशालय में सब कबूलोगे ?
निवेशकों का दर्द समझते हुए और सारे सबूत कंपनी के खिलाफ देखते हुए जब बी बी सी इंडिया न्यूज़24 डॉट कॉम ने कंपनी का कच्चा चिट्ठा सिलसिलेवार खोलना शुरू किया तो गल्फ क्वाइन गोल्ड का मालिक और उसके गुर्गे पहले तो अपनी वेबसाइट बंद कर दियाऔर सोचा मामला हल हो गया परंतु जब बीबीसी इंडिया न्यूज़ 24 डॉट कॉम चार कदम और आगे बढ़ते हुए कंपनी के मालिक की फोटो और उसके कुछ गुर्गों के नाम भी प्रकाशित कर दिया तो कंपनी का मालिक और उसके गुर्गे अपनी औकात में आ गए और पलटवार की धमकी देने लगे उनको शायद पता नहीं ये मोदी सरकार है अब तक की सरकारों में और मोदी सरकार में यही अंतर है कि पहले सत्य परेशान होता था और खो जाता था क्योंकि विजय की नौबत ही नहीं आती थी पहले ताम झाम दिखावा और प्रभुत्व व पैसे की दुनियां थी जिसमें आए दिन सत्य परेशान भी होता था और कभी कभी तो अनहोनी भी होती थी और सत्य पराजित भी हो जाता था। तब की व्यवस्था में लोग बिकने को तैयार बैठे रहते और खरीदने वाले अपने मुताबिक उनकी कीमत लगाया करते थे। पर अब सत्य ना ही परेशान होता है ना पराजित।अब वो दिन आ गया है जब ,संदिग्धों को सरकारी मशीनरी उठा लेती है और स्वयं मुकदमा भी करती है और सजा भी स्वयं ही दिला देती है।अति शीघ्र ही गल्फ क्वाइन गोल्ड के मालिक और उनके गुर्गे इस सच्चाई का अनुभव करेंगे। निवेशकों पर धमकी भारी पड़ेगी।किसी की आर्थिक दुनियां उजाड़ कर अय्याशी करने वालों पाई पाई का हिसाब होगा, निवेशकों को जितना मानसिक तनाव तुमने दिया है उसका हिसाब तुम्हारी जेल यात्रा से ही निवेशक लेना शुरू कर देंगे। नाम ही नहीं एक एक की कारस्तानी ,बैंक अकाउंट, ट्रांजेक्शन्स, फ़ोटो,और भी बहुत कुछ प्रकाशित होने वाला है।और हां केवल प्रकाशित ही नही हो रहा है बल्की सत्य को समर्पित कानून के रच्छकों ने देखना भी शुरू कर दिया है।हां गल्फ क्वाइन गोल्ड का मास्टर माइंड शाशा गुप्ता और उसके गुर्गे, निवेशकों के सामने अक्सर चिल्लाते थे कि मल्टी लेबल मार्केटिंग की दुनियां और क्रिप्टो करेंसी की दुनियां में गल्फ क्वाइन गोल्ड एक इतिहास रचेगी और एक अलग मुकाम बनाएगी। तो एक निवेशक ने बहोत अच्छा लिखा है #हाँ कंपनी अपना इतिहास भी रच चुकी है और अतिशीघ्र ही अपना एक अनोखा मुकाम भी हासिल करेगी ही करेगी। गल्फ क्वाइन गोल्ड पहली कंपनी है जिसने कभी कोई वादा पूरा नही किया केवल लोगों के से पैसा लिया और एक ₹ कभी भी वापस नही किया और अपनी
वेबसाइट के बल पर तीन चार साल लूटा ।निवेशकों के पैसों का केवल और केवल अय्याशी किया हिंदुस्तान में भी और हिंदुस्तान के बाहर भी।ये तो है कंपनी का इतिहास और अब बताते है कंपनी का मुकाम।एम एल एम (मल्टी लेबल मार्केटिंग)और क्रिप्टो करेंसी के दुनियां की, माई गल्फ क्वायन गोल्ड शायद पहली कम्पनी होगी जिसका मालिक और उसके गुर्गे गिरफ्तार पहले होंगे
और एफ0आई0आर0 बाद में होगा बी बी सी इंडिया न्यूज ट्वेंटी फोर डाट कॉम के पास कंपनी और उनके गुर्गों के खिलाफ सारे सबूत और जनबल है इतना ही नहीं कंपनी के निवेशक bbcindianews24.com और हकीकत एक्सप्रेस की टीम का
एक हिस्सा भी बन चुके हैं।
निवेशकों का सवाल शाशा गुप्ता से?
पहले थाने में पिटोगे या पहले प्रवर्तन निदेशालय में सब कबूलोगे?
शाशा गुप्ता लुटेरा होते हुए भी अहंकार में इतना डूबा है कि उसको लगता है कि पूरी मशीनरी बिकाऊ है?तो चलो फटाफट प्रवर्तन निदेशालय में कोई जुगाड़ हो तो वहाँ लगाना शुरू कर दो, सुना है तुम्हारे पास खरीदने का बहोत तरीका है । पैसा,,,,होटल,,,,ल,,,,शायद कुछ काम आ जाय या शायद इसी बहाने तुम्हे पता चल जाय कि हिंदुस्तान और उसका कानून कितना बदल चुका है।निवेशकों के सपनों को धूल धूसरित कर मजाक उड़ाने वालों दम है तो एक नोटिस भेज कर देखो वो होगा जो तुम लोगों ने सपने में भी नही सोचा होगा।तैयार हो जाओ बारी बारी से अपनी तस्वीर के साथ अपनी काली करतूत का चिट्ठा पढ़ने और देखने को शुरुआत यहीं से करता हूँ।नाम-अनुराग कोंनहेर,पुत्र-विलास कोंनहेर ,उम्र-35 वर्ष,पता-कोंनहेर गार्डन, नेहरू चौक,विलासपुर।पिन-495001 , इसका परिचय शाशा का गुर्गा। बैंक-यस बैंक,a/c- 004763400000222- IFSC-YESB0000047- (25-07-2017 के बाद से इस अकाउंट की जांच होगी तो टर्न ओवर से सब पता चल जाएगा,वैसे ये एक शातिर आदमी है,इसके और भी अकाउंट है ज्यादातर ये अपनी पत्नी का अकाउंट ही उपयोग करता है,सम्पूर्ण डिटेल उपलब्ध है) ।।
गुरुवार, 3 सितंबर 2020
मल्टी लेवल मार्केटिंग (एम एल एम) को बदनाम करता गुलफ्कोइन गोल्ड (जी सी ज
कुछ वर्ष पहले माय गल्फ कॉइन जो कि अब जी सी जी गल्फ कॉइन गोल्ड है का प्लान देख आकर्षित हो कर तमाम निवेशकों ने अपनी मेहनत की कमाई निवेश किया था।कंपनी ने अपने प्लान के मुताबिक कई चरणों मे निवेशकों को लुभावने सपने
दिखाती रही।सर्व प्रथम क्रिप्टो करेंसी के रूप में एम जी सी लोगों के निवेश के बदले बेचती रही और सब्जबाग दिखाती रही कि आज जो कॉइन कम्पनी आपको तीन में बेच रही आने वाले कुछ दिनों में कम्पनी उसी कॉइन को कंपनी पुनः दस बीस, पचास, सौ में खरीदेगी। कम्पनी अपने इको सिस्टम द्वारा एक बड़ा बाजार क्रिएट करेगी जिससे आप खुद अपने कॉइन का भाव तय करेंगे,और सपोर्ट स्टोरी के रूप में कंपनी के लीडर निवेशकों को बिटकॉइन की स्टोरी सुनाते रहे कि कैसे कुछ ही वर्ष पहले पचास पैसे का बिटकॉइन लाखों में चला गया। बाज़ार मेंजी सी जी बिकता रहा और लीडर ऐश करते रहे।खैर महीनों बीत गया ना ही कॉइन का दाम बढ़ा ना ही कंपनी किसी एक्सचेंज पर रजिस्टर्ड हुई फिर कंपनी को किसी तरह नोवा एक्सचेंज का सहारा मिला परंतु बहुत कम समय मे ही नोवा बंद हो गया और एम जी सी अनाथ हो गया।अब फिर कंपनी ने अपने निवेशकों के सामने एक बिग प्लान को अंजाम दिया और लीडरों को समझाया कि कंपनी एक वर्ल्ड लेवल का मयूजिकल शो वेलकम टू हेल (नर्क में स्वागत है)ऑर्गनाइज़ कर रही है जहां टिकट से लेकर खान पान की हर खरीद में एम जी सी का उपयोग होगा और एम जी सी का भाव दस जाना निश्चित है। शो का जबरदस्त प्रोमो लांच कर निवेशकों को खूब लालच देकर बड़ा निवेश कराया गया।नतीजतन शो तो हुआ पर एम जी सी जैसा का तैसा रहा और कंपनी अबनिवेशकों की बद दुवाओं के साथ नर्क की ओर अग्रसर हो गई।
लूट खसोट का धंधा बना है जी सी जी
एम जी सी की साख दागदार होने के बाद कंपनी ने अपना प्लान और चरण (फ़ेज़)बदलते हुए और एम जी सी को आकर्षण देते हुए जनमानस में छा जाने की चाहत लिए कंपनी ने जारी किया एम जी सी का एक मोबाइल एप्प और कहा सभी लोग अपना कॉइन ऍप पर ट्रांसफर करें और रयूमर ये उड़ाया गया कि वेबसाइट बंद होगी, और सबने किया भी वही कुछ ही दिनों बाद एक मैसेज प्रसारित होता है कि चौबीस घंटे के अंदर अपना कॉइन ऍप से हटालें लाख कोशिश के बावजूद बहुतो के कॉइन ट्रांसफर नही हो पाए एप्प करप्ट हुआ लोगों के कॉइन गायब हुए।और कंपनी ने ब्लॉकचैन का हवाला देकर शांत करने की कोशिश की परंतु निवेशक ठगे तो थे लेकिन चुप रहे। कंपनी अपने क्रिया कलापों से दागदार होती जा रही थी।पुनः कंपनी ने शायद सोची समझी साजिश के तहत एम जी सी को बदलकर जी सी जी का निर्माण किया और तीन एम जी सी बराबर एक जी सी जी बनाकर वजन दार और बेदाग कॉइन निवेशकों के सामने प्रस्तुतकिया।और फिर जी सी जी का भी ऍप और वही पुराना ड्रामा जी सी जी का भी ऍप वैसे ही करप्ट हुआ और निवेशक का कॉइन फिर लुटा ।इस बार निवेशकों के कॉइन बड़े पैमाने पर डूबे, निवेशकों को समझ आ गया कि कंपनी को अपना कॉइन लेना है वोकिसी न किसी बहाने ले लेगी और साइट खुला रख कर ईमानदार भी बनी रहेगी। और हुआ भी वही,कॉइन लुटा,एप्प बंद हुए,साइट अब भी खुली है और कंपनी अपनेतीन चार,साल सफलता का कीर्तन अलाप रही है।अब कम्पनी ने अपने आपको अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने का हवाला देते हुए सम्पूर्ण आफिस दुबई ट्रांसफर कर भारतीय निवेशकों को समझाया कि जी सी जी पर भारतीय कानून लागू नही होता ।लेकिन
शर्तेंनिजताजिस कंपनी के खैर ख्वाह भ्रस्ट हो वो सफल नही हो सकता, एक कहावत है जैसी नियत वैसी बरक्कत फिर कंपनी ने दुबई का ताम झाम फैलाकर अपने लीडरों द्वारा न्यू फ़ेज़ लांच के तहत नए निवेशकों को अपना दो वर्ष पुराना हवाला देकर वही सड़ा गला वर्चुवल कॉइन, नए निवेशकों को बर गलाकर,झूठी झूठी स्टोरी सुनाकर, पुराने निवेशकों को अपना कॉइन बचाकर रखने की सलाह देते हुए ,उन्ही के द्वारा लाये गए नए निवेशकों या सछम निवेशकों को अपना कॉइन पांच से लेकर पचास तक बेचते रहे और कहानी सुनाते रहे और निवेशकों को लूटते रहे। कभी खुद का एक्सचेंज क्रिप्टोबुल लांच कर कभी क्रिप्टो करेंसी का बैंक लांच होनेवाली है कि स्टोरी सुनाकर तो कभी सी बी एक्स लांच कर ,नकली बिटकॉइन देकर कंपनी लोगों को लूटती रही।कम्पनी द्वारा संचालित लीडरों का रैकेट लोगों को लूटता रहा और अपनी जेब भरता रहा।कंपनी अपने ही कुछ चहेतों में रिवॉर्ड अवार्ड बॉट कर ताली बजाती रही और अपने सेअपना पीठ थप थपाती रही।कंपनी दागदार होती गई और निवेशकों की बद दुआओं नेकंपनी को उसकी औकात पर ला खड़ा किया ।खासियत ये रही कि कम्पनी का क्रियेटर शाशा गुप्ता खुद को परदे के पीछे रखता और लोगों के सहारे अपना खेल खेलता रहा।सच का तो पता नही पर इतना जरूर था कि निवेशकों में शाशा गुप्ता की छवि अच्छी बानी रही। जब कम्पनी एम जी सी, जी सी जी, वेलकम टू हेल, क्रिप्टोबुल, जी सी जी , और दुबई का का तामझाम सब खेल चुकी तो मिस्टर शाशा गुप्ता निवेशकों के सामने प्रस्तुत होकर कहते है इस कॉइन को मैं साबित करूँगा की ये एक ऐसेट है आप मुझे दो मेरा कॉइन और मुझसे ही लो हर माह एक प्रतिशत और पुनः जी सी जी एक्सचेंजर के माध्यम से लोगों के बचे खुचे कॉइन कंपनी ने हड़प लिए। शाशा ने स्वयं अपनी ज़बान से वादा कर पूरा नही किया तो निवेशकों का मोह अब कॉइन,कंपनी, और शाशा तीनो से ही उठ चुका था।
दुबई से तड़ीपार हुआ जी सी जी
सूत्र बताते हैं कम्पनी ओनर शाशा गुप्ता सम्पूर्ण रूप से एम एल एम को समर्पित लीडर है और कई वर्षों से उसकी ऊँची सोच और ऊंची उड़ान की आदत ने उसे भारत से दुबई ही नही और भी कई देशों में पहुचा दिया था ,परंतु जिस तरह हर इंसान में कुछ ना कुछ खामियां और कमजोरियां होती है उसी तरह उसमे भी आदमी ने पहचान पाने की कमी और बिना पंख आसमान में उड़नेकी आदत ने,बुलंदी पर पहुच कर भी तबाही के कगार पर ला खड़ा किया। धोखेबाज और स्वार्थी तथा गद्दार टीम ने सक्सेस तो दूर दुबई की जेल जाने की नौबत पैदाकर दिया।एक प्रतिशत लोगों को देने को कौन कहे दुबई से भाग कर पुनः भारतमे जीना मजबूरी हो गई।और एक बार फिर कंपनी अपने चंडीगढ़ आफिस में अपनी औकात में खड़ी हो गई। कम्पनी ने भारत में क्रिप्टो करेंसी में प्रतिबंध लग्जाने पर अपना आखिरी दांव होलीडे हर्ट्ज (रियल स्टेट)में खेला लेकिन वहां भी कम्पनी का ग्रह नछत्र खराब ही रहा,वहां भी निवेशकों को भारी नुकसान ही उठाना पड़ा।
इल्युमिनाटी से दूर होगी दरिद्रता
जी सी जी की तलाश स्वर्णिम भविष्य की ।
एम जी सी/ जी सी जी वैल्कम टू हेल, क्रिप्टोबुल, सी बी एक्स, गल्फ कॉइन एक्सचेंजर, होलीडे हर्ट्ज, जैसे तमाम कोशिशों के बावजूद अपने कॉइन का न तो भाव बढ़ा पाई और ना ही किसी एक्सचेंज पर अपने आपको स्थापित कर पाई।जानकारी के मुताबिक़ कम्पनी अपने आप को पुनःभारतीय बाज़ार में ही स्थापित करने की कोशिश मेंअपने नए प्लान को इल्युमिनाटी ज्वेलर्स के साथटॉय अप करके मल्टी लेबल मार्केटिंग के भारतीय बाज़ार में इतिहास रचने कोआतुर है कंपनी के पास अपना तीन चार वर्षों का इतिहास है कम्पनी के पास अपने तीन चार साल पुराने निवेशक है।
पुराने निवेशक भी वसूली की तैयारी में।-
कोई भी एम एल एम का व्यापार सशक्त एडमिन और निशचिंत निवेशकों व मेहनती लीडरों के बल पर ही चलती है जी सी जी भी अपने इसी टाइटिल के साथ चार वर्षों से तिकी है तो इसमें कोई दो राय नही की एम एल एम की दुनियां में तो ब्रांड बन ही चुका है ,अब अगर सशक्त और ईमानदार एडमिन की बात करें तो गल्फ कॉइन गोल्ड वो चाँद है जिस पर एडमिन से लीडर तक कोई ईमानदार नही रहा है।एक बात दावे के साथ कही जा सकती है कि कम्पनी ने कभी भी अपना कोई भी वादा नहीं पूरा किया। कम्पनी ने निवेशकों से पैसे लेकर जितने बहानों से कॉइन वापस लेकर हड़प करने की कम्पनी के उस ड्रामे की सत्यकथा जिसने कंपनी को चोर ही नही डकैत भी साबित किया है।कम्पनी के पास बिज़नेस लेकर आई डी सेटिंग का भी इतिहास है जो एम एल एम में घिनौना और नफरत की निगाह देखा जाता है ।जबकी कम्पनी के लीडर खुल कर कहते हैं कि कंपनी व्यापार करने आई है लीडर का मोह देखने नही।जो लीडर कम्पनी को बिज़नेस नही दे सकता कम्पनी के पास उसका क्या काम ?यानी लीडर जबत बिज़नेस देता रहे तब तक कंपनी चहेते ? बिज़नेस बंद लीडर आउट ।बड़ा बिज़नेस देकर छोटे लीडर की आई डी भी ब्लॉक कराई जा सकती है।कम्पनी के नियर और डियर लीडरों की इज्जत मार्केट में उस मुजरा करती हुई उस तवायफ जैसी है जो के केवल जिधर नोट देखती है उधर पैसा देने वालों को अपने घूँघट में ढक लेती है।इसी कारण कुछ
तो कम्पनी छोड़ कर ही हट गए।कम्पनी के पास अपने तीन साल के सड़े गले और बदबूदार इतिहास के सिवा कुछ नही है।कम्पनी ने अपने पुराने निवेशकों से पैसे तो लिए लेकिन बदले में कुछ नही दिया तवज्जो और तरजीह भी नहीं और इस नए प्लान में भी पुराने निवेशकों के लिए न कंपनी के पास कोई प्लान है और ना ही कोई वादा।कंपनी के वो पुराने कुछ लीडर जो साथ है उन्हें पुराने निवेशक पसंद नही करते ।कुछ नए चेहरों को पटाकर ज़ूम मीटिंग के माध्यम से मंच बनाया है परंतु वो नए चेहरे जिस जी सी जी का पहाड़ा पढ़ रहे हैं वो महा झूठ है ।यदि कम्पनी ने अपने पुराने निवेशकों को विश्वास में नही लिया तो वो दिन दूर नहीँ जब भारत मे भी कंपनी को कानूनी झंझटों का सामना करना पड़ेगा।और शायद उसका एक मात्र रास्ता है कि कंपनी ओनर शाशा गुप्ता अपने पुराने निवेशकों के साथ वार्ता कर कोई हल निकालें अन्यथा जी सी जी का गंदा इतिहास उसे जहन्नुम तो ले ही जाएगा।
रविवार, 2 अगस्त 2020
सदर तहसील के सब रजिस्टार अनिल कुमार लाल की मदद से हुई फर्जी वसीयत , मामला कोर्ट में लंबित
जौनपुर ,आज भ्रष्टाचार अपना पैर इस कदर पसार चुका है कि जमीन पर पैर रखते हैं हर सीधा-साधा इंसान भयभीत रहता है कि कहीं हमारा पैर भ्रष्टाचार की दलदल में न फंस जाए क्योंकि आज दुनिया से भरोसा और विश्वास नाम की चीज पूरी तरह से नदारद होती महसूस हो रही है आज बेगानों की तो कोई बात ही नहीं है अपने भी भरोसे के काबिल नहीं है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण है इस प्रकरण में दिखाई दे रहा है प्राप्त सूचना के अनुसार जनपद जौनपुर के थाना सराय ख्वाजा अंतर्गत ग्राम जमुहाई के निवासी शेर बहादुर यादव पुत्र रामकिशोर यादव द्वारा अपने चाचा स्वर्गीय राम निहोर की सारी अचल संपत्ति का फर्जीवाड़ा कर वसीयत कराने का मामला प्रकाश में आया है बताते हैं कि स्वर्गीय राम निहोर की पुत्री उर्मिला देवी स्वर्गीय राम निहोर शेर बहादुर यादव को एकदम पसंद नहीं करते थे फिर भी अपनी सारी चल अचल संपत्ति को अपनी पुत्री उर्मिला देवी से बिना बताए वह भी ऐसी स्थिति में वसीयत किए थे जिस दिन उनके ही परिवार में एक लड़की की शादी थी और स्वर्गीय राम निहोर , शेर बहादुर यादव भी पूरे दिन शादी के कार्यक्रम में लगे रहे इस फर्जीवाड़े में तहसील सदर के सब रजिस्टार अनिल कुमार लाल की पोल खोल रही है जिसमें उर्मिला देवी ने वसीयत को तरमीन होने से रोकने के लिए तहसील सदर में आपत्ति दर्ज कराई है तथा वसीयत को निरस्त करने के लिए सिविल कोर्ट जौनपुर में दाखिल किया है तथा फर्जीवाड़े पर कार्रवाई के लिए पुलिस अधीक्षक जौनपुर आवेदन पत्र दिया है आवेदन पत्र की एक एक शब्द प्रकाशित है
सेवा में श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय
जनपद जौनपुर
विषय- प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता की संपत्ति हड़प करने की नियत से चचेरे भाई शेर बहादुर पुत्र रामकिशोर यादव ग्राम जमुहाई थाना सरायख्वाजा परगना हवेली तहसील सदर जिला जौनपुर द्वारा फर्जी तरीके से प्रार्थिनी के पिता से कराई गई वसीयत की शिकायत के संबंध में !
महोदय ,
प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता दो भाई थे रामकिशोर एवं राम निहोर रामकिशोर के तीन लड़के शेर बहादुर वीर बहादुर एवं तेज बहादुर और प्रार्थिनी अपने पिता स्वर्गीय राम निहोर की इकलौती संतान है महोदय आपको सादर अवगत कराना है कि शेर बहादुर यादव अपने क्षेत्र में श्री 420 के नाम से चर्चित है क्योंकि यह एक ऐसा व्यक्ति है जो शायद ही कोई रिश्तेदार यार दोस्त नहीं होगा जिसे शेर बहादुर यादव ने अपनी मुसीबत बता कर चिकनी चुपड़ी बातों से गुमराह कर 10 दिन 20 दिन के लिए पैसा उधार लिया और आज तक फिर उस रिश्तेदार के घर अपना मुंह दिखाने कभी नहीं किया शेर बहादुर यादव दिन रात सिर्फ सीधे-साधे लोगों को गुमराह कर ठगने की नए नए तकनीक खोजते रहते हैं यह कारनामा व गांव में भी कई गरीब लोगों के साथ कर चुका है कभी नौकरी के नाम पर ,कभी किसी काम के लिए ,कभी किसी काम के लिए, जिससे काम ना होने पर गांव के लोग घर पर आने लगे शेर बहादुर के इस कारनामे से प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता गुस्सा हुआ करते थे क्योंकि कई लोगों का उलाहना सुनकर पूरा परिवार शर्मसार होता था शेर बहादुर के इस कृत्य से प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता और शेर बहादुर में हरदम 36 का आंकड़ा बना रहता था प्रार्थिनी के पास कोई सगा भाई नहीं था इसीलिए प्रार्थिनी शेर बहादुर व उनके भाइयों को ही अपना सगा भाई मानती थी ! प्रार्थिनी ने कई बार किसी के ना रहने पर अपने पिता स्वर्गीय राम निहोर से अपनी सारी संपत्ति को अपने जीते जी शेर बहादुर व उनके भाइयों को देने की बात कह चुकी थी जिसके जवाब में प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिता ने जवाब दिया था कि शेर बहादुर एक धोखेबाज आदमी है तुम उसके बारे में नहीं जानती अगर तुम्हारे कहने से मैंने शेर बहादुर के नाम अपनी सारी जायदाद वसीयत कर दिया तो जायदाद के चक्कर में मेरी जान ले लेगा मैं चाहता हूं तुम्हारी मां के साथ हम तीनों रजिस्टर ऑफिस में चलें और इस तरह लिखा पढ़ी करे की मेरे मरने के बाद सारी चल अचल संपत्ति हमारी पत्नी के नाम हो जाए तथा पत्नी के जीते जी सारी संपत्ति पत्नी के नाम रहेगी तथा मरने के बाद सारी संपत्ति पुत्री उर्मिला देवी के नाम हो जाएगी प्रार्थिनी ने जब अपने पिताजी को यह कहकर समझाने लगी की पिताजी हमारे पास तो भाई नहीं है शेर बहादुर आदि ही हमारे भाई हैं प्रार्थिनी की इस बात पर प्रार्थिनी के स्वर्गीय पिताजी जो बात कही थी प्रार्थिनी उसी बात को सोच सोच कर रोती है उन्होंने कहा था बिटिया अगर हमने किसी तरह तुम्हारे कहने से शेर बहादुर को वसीयत कर दिया यह तुम जान लो कि मेरे मरने के बाद जमीन की तरमीन जैसे ही करवाएगा तुम्हारी मां को लात से मारेगा क्योंकि मैं शेर बहादुर और उसके भाइयों को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं इसीलिए मैं शेर बहादुर को जमीन देने के पक्ष में कभी नहीं रहूंगा महोदय इतनी दूर की सोच रखने वाले प्रार्थिनी के पिताजी अपनी सारी चल अचल संपत्ति शेर बहादुर को वसीयत कर दे जिसको कभी फूटी आंख से भी देखना पसंद नहीं करते थे फिर शेर बहादुर ने यह वसीयत जिस समय में करवाया था खानदान में एक लड़की की शादी मे पूरे खानदान की छोटे से लेकर बड़े तक सब लोग सुबह शादी वाले कार्यक्रम में लगे थे जिसमें प्रार्थिनी के पिता तथा वसीयत कराने वाले शेर बहादुर का पूरा परिवार था आखिर एक आदमी एक समय पर 2 स्थान पर कैसे रह सकता है ? इतना ही नहीं वसीयत की गवाही करने वाले गवाहों को बुलाकर पूछताछ कर ली जाए तो मामला एकदम स्पष्ट हो जाएगा ऐसे ही तमाम प्रकरण को देखने से यह साबित होता है कि वसीयत फर्जी है जिसमें रजिस्ट्रार के रूप में हस्ताक्षर करने वाले श्रीमान अनिल कुमार लाल जी का पूरा सहयोग है, यदि पूरे प्रकरण को संज्ञान में लिया जाए यह एक संगीन अपराध की श्रेणी में आएगा जिसकी जांच नितांत आवश्यक है शेर बहादुर द्वारा चोरी से कराई गई वसीयत की जानकारी प्रार्थिनी को होते ही प्रार्थिनी ने तत्काल तरमीन पर आपत्ति लगाई तथा माननीय न्यायालय सिविल कोर्ट जौनपुर में वसीयत निरस्ती हेतु प्रार्थिनी द्वारा तहसील सदर व दिवानी मे मुकदमा लम्बीत है जब तक फैसला नहीं होता है तब तक शेर बहादुर आदि को खेत जोतने , बोने से मना किया जाए महोदय से सादर अनुरोध है कि वसीयत कराने वाले शेर बहादुर आदि दोनों गवाह सभाजीत यादव पुत्र स्वर्गीय ललई यादव ग्राम खमपुर थाना बक्सा जिला जौनपुर तथा संजय कुमार सिंह पुत्र राम प्रसाद सिंह ग्राम लेधुआ पोस्ट रीठी थाना सिकरारा जिला जौनपुर की पूरी तरह से सहभागिता निभाने वाले सब रजिस्टार अनिल कुमार लाल पर मुकदमा पंजीकृत कर जांच उपरांत कार्रवाई करने की कृपा करें ताकि प्रार्थिनी के साथ किए गए फर्जीवाड़े का खुलासा हो सके तथा फर्जी करने वाले दोषियों को दंड मिल सके प्रार्थिनी महोदय की सदैव आभारी रहेगी!
प्रार्थिनी
उर्मिला देवी पुत्री स्वर्गी राम निहोर
ग्राम जमुहाई परगना हवेली तहसील
सदर जिला जौनपुर
Mo-7052145007
मंगलवार, 21 जुलाई 2020
उत्तर प्रदेश दिव्यांगजन पुर्नवासन हेतु दुकान निर्माण/दुकान संचालन योजना के अन्र्तगत दुकान निर्माण क्रय हेतु पात्र लाभार्थी को वित्तीय सहायता
जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी ने बताया कि दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा संचालित’’ उत्तर प्रदेश दिव्यांगजन पुर्नवासन हेतु दुकान निर्माण/दुकान संचालन योजना के अन्र्तगत दुकान निर्माण क्रय हेतु पात्र लाभार्थी को वित्तीय सहायता के रूप में रू0 20000 की धनराशि स्वीकृत की जाती है, जिसमें से रू0 15000 की धनराशि 04 प्रतिशत वार्षिक ब्याज पर ऋण के रूप में तथा रू0 5000 की धनराशि अनुदान के रूप में दी जाती है। दुकान संचालन हेतु दुकान न्यूनतम पाॅच वर्ष के लिए किराये पर लिये जाने हेतु एवं खोखा/गुमटी/हाथ ठेला क्रय हेतु पात्र लाभार्थी को वित्तीय सहायता के रूप में रू0 10000 की धनराशि स्वीकृत की जाती है। जिसमें रू0 7500 की धनराशि 04 प्रतिशत वार्षिक वार्षिक साधारण ब्याज की दर पर ऋण के रूप में दी जाती है। जिसमें 7500 की धनराशि 4 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज की दर पर ऋण के रूप में तथा रू0 2500 की धनराशि अनुदान के रूप में प्रदान की जाती है। ऐसे निराश्रित दिव्यांगजन जो 40 प्रतिशत या इससे अधिक की दिव्यंागता से प्रभावित है हो एवं उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हो। जिनकी वार्षिक आय समय-समय पर शासन द्वारा गरीबी रेखा के लिए निर्धारित आय सीमा के दो गुने से अधिक न हों। जिनकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक किन्तु 60 वर्ष से अधिक न हों। जो किसी आपराधिक अथवा आर्थिक मामलों में सजा न पाये हों तथा जिनके विरूद्व किसी प्रकार की सरकारी धनराशि देय न हों। जिनके पास दुकान निर्माण हेतु स्वयं क 110 वर्गफिट भूमि हों या अपने संस्त्रोंतों से उक्त क्षेत्रफल की भूमि खरीदने/लेने में समर्थ हों। अथवा स्थानीय निकाय/उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद/विकास प्राधिकरण/प्राइवेट बिल्डर्स तथा एजेन्सी से निर्मित दुकान क्रय हेतु, किन्तु दुकान का क्रय किसी परिवारीजन के नाम से अनुमन्य नही होगा। अथवा जिनके द्वारा कम से कम पाॅच वर्ष की अवधि का किरायेदारी का पट्टा कराया जायें उन्हे उपलब्ध दुकान संचालन हेतु (किराया एवं कार्यशील पूॅजी) अथवा जिनके द्वारा गारन्टी/बन्धक उपलब्ध कराया जायें उन्हें खोखा/गुमटी/हाथ ठेला के क्रय एव कार्यशील पूॅजी हेतु दिया जायेगा। ऐसे दिव्यांग व्यक्ति जो विभाग द्वारा संचालित कार्यशाला से प्रशिक्षित हो अथवा आई0टी0आई0/पालीटेकनिक या किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से किसी व्यवसाय में प्रशिक्षण प्राप्त/डिप्लोमा प्रमाणपत्र धारी है और उसी क्षेत्र में व्यवसाय करना चाहता है, उसे वरीयता दी जायेगी। दिव्यांग दुकान पुर्नवासन हेतु दुकान निर्माण/संचालन येाजना के अन्तर्गत इच्छुक/पात्र दिव्यांगजन वर्तमान वित्तीय वर्ष में योजना की बेबसाइट http://
-------
जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई,जिला बाल संरक्षण समिति एवं बाल विवाह रोकथाम हेतु जनपद स्तर पर गठित जिला टास्क फोर्स की बैठक
जिला बाल संरक्षण समिति एवं बाल विवाह रोकथाम हेतु जनपद स्तर पर गठित जिला टास्क फोर्स की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई । बैठक में जिला बाल संरक्षण अधिकारी संतोष कुमार सोनी द्वारा चयन सेवा संचालन की जानकारी प्रदान की गई। चाइल्डलाइन की तरफ से अभिषेक उपाध्याय द्वारा माह अप्रैल से अब तक आए हुए मामलों का विवरण समिति के समक्ष रखा गया। जिलाधिकारी द्वारा जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया गया कि चाइल्ड लाइन के कार्यालय का निरीक्षण करे। बैठक में संप्रेक्षण गृह जौनपुर के निर्माण की समीक्षा की गई तथा अनुस्मारक पत्र भेजे जाने का निर्देश दिया गया ।किशोर न्याय बोर्ड की समीक्षा में विदिशा प्रशासनिक अधिकारी मुरलीधर गिरी द्वारा अवगत कराया गया कि किशोर न्याय बोर्ड जौनपुर में 1211 मामले लंबित हैं । वर्तमान समय में जौनपुर के 49 बच्चे राजकीय संप्रेक्षण गृह वाराणसी एवं 4 बालिकाएं राजकीय संप्रेक्षण गृह बाराबंकी में संरक्षित है। स्पॉन्सरशिप योजना की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि सभी उप जिलाधिकारियों एवं सभी खंड विकास अधिकारियों से वंचित बच्चों के प्रस्ताव प्राप्त कर लिए जाएं एवं सभी प्रस्तावों की अपने स्तर से जांच करा कर ही स्वीकृति हेतु प्रेषित किया जाए। उपयुक्त व्यक्ति उपयुक्त संस्था की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि इतने बड़े जनपद में उपयुक्त व्यक्ति और उपयुक्त संस्था का चयन होना चाहिए ।इसके लिए अच्छी संस्थाओं एवं गणमान्य नागरिकों से वार्ता कर उनका आवेदन प्राप्त किया जाए एवं बाल कल्याण समिति जौनपुर से उपयुक्त उपयुक्त घोषित कराएं जिससे जनपद के संरक्षण वाले बच्चों को उसका लाभ प्राप्त हो सके। बाल विवाह की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया कि सोशल मीडिया के माध्यम से बाल विवाह के संबंध में जनमानस को जागरूक करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करें। ब्लॉक स्तरीय बाल संरक्षण समिति एवं ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समिति की बैठकों के संबंध में निर्देशित किया गया कि इस हेतु रोस्टर जारी कराएं एवं रोस्टर के अनुसार सभी ब्लॉक एवं ग्राम पंचायतों में बाल संरक्षण समिति की बैठक अवश्य हो ।
बैठक बाल कल्याण समिति के कार्यों की समीक्षा की गई जिसमें बाल कल्याण समिति के सदसय धनंजय सिंह द्वारा बाल कल्याण समिति के प्रकरणों को विस्तार से बताया गया। जिलाधिकारी ने किशोर न्याय अधिनियम के तहत कोई भी कार्य बाधित नहीं हो,बच्चों के संबंध में होने वाले हर कार्य सजगता से पूर्ण करते हुए जनपद के बच्चों को उसका लाभ दिलाया जाए। बैठक में बाल कल्याण समिति के सदस्य आनंद प्रधान ममता श्रीवास्तव सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक रमेश चंद्र यादव बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय से श्री आशीष श्रीवास्तव जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश मिश्रा कुलदीप सिंह सहायक श्रम आयुक्त बाल संरक्षण
राम जन्मभूमि पर खुदाई में पाई गई कलाकृतियों के संरक्षण की मांग करने वाले दो याचिकाकर्ताओं पर सुप्रीम कोर्ट ने 1-1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मंदिर के निर्माण के दौरान अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि के आसपास की भूमि की खुदाई करते समय पाए जाने वाले प्राचीन अवशेषों और कलाकृतियों के संरक्षण की मांग करने वाली दो जनहित याचिकाओं को खारिज करते हुए याचिकाकर्ताओं पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की 3 जजों की पीठ ने याचिका को अयोध्या भूमि विवाद के फैसले के कार्यान्वयन को रोकने के प्रयास के रूप में देखा और परिणामस्वरूप इसे तुच्छ समझा।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने यह दावा करने का प्रयास किया कि उनकी प्रार्थना केवल यह सुनिश्चित करने के लिए है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) स्थल पर लेवल करने और खुदाई का पर्यवेक्षण कर सकता है और जो भी कलाकृतियों और पुरावशेष मिले हैं उन्हें जब्त कर सकता है। हालांकि, न्यायमूर्ति मिश्रा ने यह पूछने के लिए हस्तक्षेप किया कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत अदालत के समक्ष ऐसी याचिका क्यों दायर की गई थी।
याचिका खारिज करने के लिए जाने के बाद, न्यायमूर्ति मिश्रा ने याचिकाकर्ताओं को फटकार लगाई और कहा कि "इस तरह की तुच्छ याचिकाएं दायर करना बंद करो! इससे आपका क्या मतलब है? क्या आप कह रहे हैं कि कानून का कोई नियम और न्यायालय का फैसला (अयोध्या का फैसला) लागू नहीं होगा और कोई भी कार्रवाई नहीं करेगा? " सॉलिसिटर जनरल द्वारा इस याचिका को दायर करने के लिए जुर्माना लगाने का आग्रह करने पर, न्यायमूर्ति मिश्रा ने प्रत्येक याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाने के लिए कहा जिसे एक महीने की अवधि के भीतर जमा करना होगा।
याचिकाकर्ताओं, जो प्राचीन गुफाओं और स्मारकों के क्षेत्र में शोधकर्ता हैं, ने एएसआई के लिए इस याचिका के साथ शीर्ष अदालत का रुख किया था कि वह अपने आस-पास के क्षेत्रों के साथ प्रस्तावित राम मंदिर निर्माण के स्थल की खुदाई करवाए ताकि प्राचीन कलाकृतियां, पुरावशेष और स्मारकों को पुनर्प्राप्त किया जा सके और उनका विश्लेषण करने में वैज्ञानिक अनुसंधान किया जाना चाहिए। ASI द्वारा खुदाई कार्य करने की आवश्यकता पर बल देते हुए, यह इंगित किया गया है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद 2003 में भी ऐसा ही किया गया था, लेकिन राम मंदिर निर्माण के स्थल पर कोई खुदाई नहीं की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने मीडिया रिपोर्टों का भी हवाला दिया जो बताती हैं कि मई में मलबे को हटाने के दौरान साइट पर कुछ कलाकृतियां पाई गई थीं, लेकिन एएसआई या केंद्र सरकार को नहीं सौंपी गई थीं। इसके बजाय, यह सूचित किया गया है, इन प्राचीन अवशेषों को साइट पर ही छोड़ दिया गया है, वो भी बिना किसी सुरक्षा के। इस प्रकार, यह प्रार्थना की गई कि केंद्र, राज्य सरकार, एएसआई और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया जाए कि " प्रतिवादी संख्या 6 (राम जन्मभूमि तीर्थ) से प्राचीन अवशेष, कलाकृतियों, पुरावशेषों और स्मारकों का अधिग्रहण किया जाए, जो मई 2020 के महीने में अयोध्या, जिला फैजाबाद, राज्य उत्तर प्रदेश में राम मंदिर के निर्माण के लिए श्री राम के जन्म स्थान की भूमि को समतल करने और खुदाई करने के दौरान पाए गए थे और भारत के संविधान के अनुच्छेद 29 (1) और 49, 1950 और प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थलों के प्रावधान और अधिनियम, 1958 के अनुसार उनका संरक्षण किया जाए।" याचिकाकर्ताओं ने इस तथ्य पर भी ध्यान आकर्षित किया कि बरामद कलाकृतियों को बिना किसी वैज्ञानिक अनुसंधान या विश्लेषण के हिंदू संस्कृति और धर्म के अवशेषों के रूप में पेश किया जा रहा है। "... उक्त कलाकृतियां और मूर्तियां प्राचीन भारतीय संस्कृति तक पहुंचने के अवशेष हैं और इसलिए उन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता है और उनके मूल में वैज्ञानिक, पुरातत्व अनुसंधान किए जाने की आवश्यकता है।" इसके अतिरिक्त, यह आरोप लगाया गया कि महानिदेशक (DG), ASI, जो प्राचीन स्थलों और स्मारकों के संरक्षण और संरक्षण के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं, की देखरेख में खुदाई और समतल गतिविधियां नहीं की जा रही हैं। इसके अलावा, याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि स्थानीय अधिकारी और सक्षम एएसआई अधिकारी भी खुदाई के दौरान साइट पर मौजूद नहीं हैं और समतल करने का काम किया जा रहा है, इसलिए इसी तरह पड़ा कलाकृतियों और मूर्तियों को जब्त नहीं किया जा रहा है। अपनी दलीलों पर जोर देने के लिए, यह बताया गया कि हैदराबाद के दलित अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष ने दावा किया है कि उनका प्राचीन बौद्ध संस्कृति और साहित्य के साथ एक निकट संबंध है। सम्यक विश्व संघ के सचिव द्वारा लिखे गए एक पत्र का भी संदर्भ दिया गया, जिसमें महानिदेशक, एएसआई को कलाकृतियों और मूर्तियों को जब्त करने और संरक्षित करने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने कहा, "यह भी पता चला है कि कहा जाता है कि प्राचीन कलाकृतियां और स्मारक इस स्थल पर क्षतिग्रस्त होने और नष्ट होने के गंभीर कारण हैं। इसलिए, बरामद प्राचीन कला प्रभाव के नुकसान की आशंका से पीड़ित याचिकाकर्ता इस माननीय न्यायालय के समक्ष संपर्क करने के लिए विवश हैं।" यह कहा गया कि याचिकाकर्ताओं ने इस मुद्दे पर महानिदेशक, एएसआई और अन्य अधिकारियों को इस तरह के मामलों के संरक्षण के लिए एक प्रतिनिधित्व दिया था, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। निर्माण प्रक्रिया को रोकने के प्रयास के किसी भी विचार का खंडन करने के लिए, याचिकाकर्ताओं ने अपनी प्रार्थना में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया था कि " जिला फैजाबाद, राज्य उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण करते समय" फैजाबाद के जिला मजिस्ट्रेट को खुदाई की पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग करने का निर्देश दिया जाए।
सोमवार, 20 जुलाई 2020
समाजसेवी ने किया भव्य शोरूम का उद्घाटन
Featured Post
घाटे बहुत हैं चाहतों के रोज़गार में
हीरालाल यादव "हीरा" पड़ता नहीं हूँ सोच के ये बात प्यार में I घाटे बहुत हैं चाहतों के रोज़गार में ।। ह...

-
जौनपुर उ.प्र मे राम राज्य की कल्पना मे सरकार नित नये कानून बना रही है और उसको लागू करके प्रदेश की जनता के जीवन मे खुशहाली लाने की कोशिश कर ...
-
कुछ वर्ष पहले माय गल्फ कॉइन जो कि अब जी सी जी गल्फ कॉइन गोल्ड है का प्लान देख आकर्षित हो कर तमाम निवेशकों ने अपनी मेहनत की कमाई निवेश किया थ...
-
जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह ने समस्त उप जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे अपने खंड विकास अधिकारियों से उन गांवों की सूची प्राप्त करे जहां प...
-
युवती को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने के दो आरोपी गिरफ्तार अपहृत युवती सकुशल बरामद दिनांक 28.07.2023 को थाना ऊंज क्षेत्र अंतर्गत आरोपियों द्वा...
-
निवेशकों का दर्द समझते हुए और सारे सबूत कंपनी के खिलाफ देखते हुए जब बी बी सी इंडिया न्यूज़24 डॉट कॉम ने कंपनी का कच्चा चिट्ठा सिलसिलेवार खोलन...
-
हीरालाल यादव "हीरा" पड़ता नहीं हूँ सोच के ये बात प्यार में I घाटे बहुत हैं चाहतों के रोज़गार में ।। ह...
-
डोभी जौनपुर आज एक तरफ देश महामारी से जूझ रहा है ऐसे मे जनपद जौनपुर के ग्राम प्रधान अपनी आदत से बाज नही आ रहे है, प्राप्त सूचना के अनुसार वि0...